लंबी कानूनी अड़चनों के बाद 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा का परिणाम
मंगलवार को जारी किया जाएगा। परीक्षा परिणाम बुधवार दोपहर तक बेसिक शिक्षा
विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा।
बता दें कि अर्हता अंकों को लेकर कोर्ट में लंबे समय तक मुकदमा चलता रहा। कोर्ट से फैसला आने के बाद सोमवार को बेसिक शिक्षा परिषद ने परिणाम आने की घोषणा कर दी।
इसके पहले 6 मई को हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार द्वारा बढ़ाए गए कटऑफ (सामान्य के लिए 65 फीसदी व आरक्षित के लिए 60 फीसदी अंक) को सही ठहराया था।
कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को सही बताया साथ ही तीन माह में भर्ती
प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है। महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने सरकार
का पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों के चयन के लिए
कटऑफ बढ़ाए गए थे। सरकारी वकील रणविजय सिंह के मुताबिक हाईकोर्ट की खंडपीठ
ने एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया है।
ये है पूरा मामला
सरकार की तरफ से एकल न्यायाधीश के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें भर्ती परीक्षा में न्यूनतम अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिए 45 व आरक्षित के लिए 40 फीसदी रखने के आदेश दिए गए थे। छह जनवरी, 2019 को हुई भर्ती परीक्षा के तुरंत बाद 7 जनवरी को राज्य सरकार ने इसमें अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिए 65 व आरक्षित के लिए 60 फीसदी तय किए थे। इसी के खिलाफ कुछ अभ्यर्थी हाईकोर्ट पहुंचे थे और एकल पीठ ने सरकार को आदेश दिए थे। इससे शिक्षामित्रों व कम अंक प्रतिशत लाने वाले अभ्यर्थियों को राहत मिली थी। भर्ती के लिए 5 दिसंबर, 2018 को शासनादेश जारी कर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई थी।
बता दें कि अर्हता अंकों को लेकर कोर्ट में लंबे समय तक मुकदमा चलता रहा। कोर्ट से फैसला आने के बाद सोमवार को बेसिक शिक्षा परिषद ने परिणाम आने की घोषणा कर दी।
इसके पहले 6 मई को हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार द्वारा बढ़ाए गए कटऑफ (सामान्य के लिए 65 फीसदी व आरक्षित के लिए 60 फीसदी अंक) को सही ठहराया था।
ये है पूरा मामला
सरकार की तरफ से एकल न्यायाधीश के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें भर्ती परीक्षा में न्यूनतम अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिए 45 व आरक्षित के लिए 40 फीसदी रखने के आदेश दिए गए थे। छह जनवरी, 2019 को हुई भर्ती परीक्षा के तुरंत बाद 7 जनवरी को राज्य सरकार ने इसमें अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिए 65 व आरक्षित के लिए 60 फीसदी तय किए थे। इसी के खिलाफ कुछ अभ्यर्थी हाईकोर्ट पहुंचे थे और एकल पीठ ने सरकार को आदेश दिए थे। इससे शिक्षामित्रों व कम अंक प्रतिशत लाने वाले अभ्यर्थियों को राहत मिली थी। भर्ती के लिए 5 दिसंबर, 2018 को शासनादेश जारी कर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई थी।
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