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कोरोना संकट के बाद बेसिक और माध्यमिक शिक्षा में होगा बड़ा बदलाव, ड्रेस कोड में शामिल होगा मास्क, और भी बहुत कुछ हो सकते हैं बदलाव

कोरोना संकट के बाद बेसिक और माध्यमिक शिक्षा में बड़ा बदलाव होगा। इस दिशा में काम चल रहा है। स्कूल संचालकों से जो फीडबैक लिया गया है, उसके मुताबिक स्कूलों में एक साल तक खेल, प्रार्थना सभा और सभी तरह के समारोहों पर रोक लगाई जा सकती है।
इसका खाका मानव संसाधन विकास मंत्रालय तैयार कर रहा है। लैब, लाइब्रेरी भी बंद की जा सकती है। इंटरवल पीरियड को भी प्रतिबंधित करने की तैयारी है।

जिले के स्कूल मार्च से ही बंद हैं। संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखकर यह कहा जा सकता है कि जून से पहले स्कूलों के खुलने के कोई आसार नहीं हैं। इससे पहले ही पठन-पाठन के नियमों में बदलाव की कवायद शुरू कर दी गई है। हाल ही में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से आयोजित वेबिनॉर में स्कूल संचालकों से इस सिलसिले में बात की गई थी।

शिफ्ट में स्कूल या क्लास चलाने की योजना

अब वेबिनॉर के मिनट टू मिनट जारी हुए हैं। इसके मुताबिक अब घर से ही पानी और टिफिन लाने की अनिवार्यता होगी। इंटरवल में बाहर के बजाय विद्यार्थियों को क्लास में ही लंच करना होगा। आपस में बांट कर लंच करने पर पूरी तरह से रोक होगी। स्कूल में चलने वाली कैंटीन को बंद कर दिया जाएगा, ताकि किसी भी सूरत में संक्रमण को विद्यार्थियों में फैलने से रोका जा सके।

स्कूलों को शिफ्ट में चलाने या क्लास के मुताबिक रोटेशन में चलाने पर भी मंथन हो रहा है। सरकार का मानना है कि जून या जुलाई में जब स्कूल खुलेंगे तो हजारों की संख्या में सीमित संसाधनों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करा पाना चुनौतीपूर्ण होगा। बिना किसी ठोस गाइडलाइंस के सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करा पाना संभव नहीं होगा इसलिए वो नियमों का मसौदा तैयार करने में जुटी है।

ड्रेस कोड में शामिल होगा मास्क

विद्यार्थियों के ड्रेस कोड में मास्क को भी शामिल किया जाएगा। स्कूल बस में चढ़ने और विद्यालय में प्रवेश से पहले ही हर विद्यार्थी की थर्मल स्कैनिंग कराई जाएगी।

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