प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। परिषदीय स्कूलों की 69000
शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने
जिस कटऑफ अंक पर मुहर लगाई है उससे मेधावी ही नहीं ओबीसी अभ्यर्थियों को
बड़ी राहत मिली है। विशेष आरक्षण पाने वाले भी आरक्षित श्रेणी में होंगे।
इससे उन्हें परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए सिर्फ 90 अंक हासिल करने होंगे। परीक्षा में 4.10 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए हैं। ऐसे में आसार हैं कि जारी कटऑफ अंक के आधार पर परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों की संख्या पदों से अधिक होगी। उनका चयन मेरिट बनाकर किया जाएगा।
परिषदीय स्कूलों की 68500 शिक्षक भर्ती की अपेक्षा 69000 भर्ती का कटऑफ अंक अधिक होने के साथ अलग भी है। पहली भर्ती में उत्तीर्ण प्रतिशत सामान्य-ओबीसी व एससी-एसटी में ही बंटा था। इन वर्गों के वे अभ्यर्थी जो विशेष आरक्षण के दावेदार थे, उन्हें भी सामान्य के बराबर उत्तीर्ण प्रतिशत हासिल करना पड़ा, तब उनकी नियुक्ति हो सकी। 69000 भर्ती में शासन ने पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी को आरक्षित वर्ग में रखा है। इसी के साथ विशेष आरक्षण के तहत चयनित होने वाले दिव्यांग व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित को अंकों में राहत दी गई है। ओबीसी व विशेष आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी अब 90 अंक पर उत्तीर्ण होंगे, जबकि सामान्य को उत्तीर्ण होने के लिए 97 अंक पाने होंगे।
हाई कोर्ट ने शासन के कटऑफ पर मुहर लगा दी है फिर भी इस बार पदों के सापेक्ष परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों की तादाद इतनी अधिक है कि तय कटऑफ अंक में भी भर्ती के पदों से अधिक परीक्षा में उत्तीर्ण हो सकते हैं। शासन ने इसका ध्यान रखते हुए कटऑफ अंक जारी करने के साथ ही स्पष्ट किया है कि परीक्षा उत्तीर्ण करने भर से वे नियुक्ति के हकदार नहीं होंगे, बल्कि अधिक अभ्यर्थी होने पर उनकी मेरिट बनेगी। सूत्रों की मानें तो चयन की मेरिट बनना लगभग तय है। सभी की निगाहें अब भर्ती के परिणाम पर टिकीं हैं, रिजल्ट से तय हो जाएगा कि आखिर चयन में बेसिक शिक्षा परिषद को मेरिट बनानी होगी या नहीं।
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है। यह भर्ती कटऑफ अंकों के विवाद के कारण अधर में लटकी पड़ी थी। कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा कटऑफ बढ़ाने के फैसले को सही ठहराया और पूरी भर्ती प्रक्रिया तीन माह के भीतर पूरी करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की अध्यक्षता वाली बेंच ने यूपी सरकार के तय किए गए मानकों पर लगाई मोहर लगाते हुए तीन महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है। इस आदेश के तहत सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी 65 फीसद और अन्य आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी 60 फीसद अंक पाकर उत्तीर्ण होंगे।
इससे उन्हें परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए सिर्फ 90 अंक हासिल करने होंगे। परीक्षा में 4.10 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए हैं। ऐसे में आसार हैं कि जारी कटऑफ अंक के आधार पर परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों की संख्या पदों से अधिक होगी। उनका चयन मेरिट बनाकर किया जाएगा।
परिषदीय स्कूलों की 68500 शिक्षक भर्ती की अपेक्षा 69000 भर्ती का कटऑफ अंक अधिक होने के साथ अलग भी है। पहली भर्ती में उत्तीर्ण प्रतिशत सामान्य-ओबीसी व एससी-एसटी में ही बंटा था। इन वर्गों के वे अभ्यर्थी जो विशेष आरक्षण के दावेदार थे, उन्हें भी सामान्य के बराबर उत्तीर्ण प्रतिशत हासिल करना पड़ा, तब उनकी नियुक्ति हो सकी। 69000 भर्ती में शासन ने पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी को आरक्षित वर्ग में रखा है। इसी के साथ विशेष आरक्षण के तहत चयनित होने वाले दिव्यांग व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित को अंकों में राहत दी गई है। ओबीसी व विशेष आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी अब 90 अंक पर उत्तीर्ण होंगे, जबकि सामान्य को उत्तीर्ण होने के लिए 97 अंक पाने होंगे।
हाई कोर्ट ने शासन के कटऑफ पर मुहर लगा दी है फिर भी इस बार पदों के सापेक्ष परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों की तादाद इतनी अधिक है कि तय कटऑफ अंक में भी भर्ती के पदों से अधिक परीक्षा में उत्तीर्ण हो सकते हैं। शासन ने इसका ध्यान रखते हुए कटऑफ अंक जारी करने के साथ ही स्पष्ट किया है कि परीक्षा उत्तीर्ण करने भर से वे नियुक्ति के हकदार नहीं होंगे, बल्कि अधिक अभ्यर्थी होने पर उनकी मेरिट बनेगी। सूत्रों की मानें तो चयन की मेरिट बनना लगभग तय है। सभी की निगाहें अब भर्ती के परिणाम पर टिकीं हैं, रिजल्ट से तय हो जाएगा कि आखिर चयन में बेसिक शिक्षा परिषद को मेरिट बनानी होगी या नहीं।
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है। यह भर्ती कटऑफ अंकों के विवाद के कारण अधर में लटकी पड़ी थी। कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा कटऑफ बढ़ाने के फैसले को सही ठहराया और पूरी भर्ती प्रक्रिया तीन माह के भीतर पूरी करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की अध्यक्षता वाली बेंच ने यूपी सरकार के तय किए गए मानकों पर लगाई मोहर लगाते हुए तीन महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है। इस आदेश के तहत सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी 65 फीसद और अन्य आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी 60 फीसद अंक पाकर उत्तीर्ण होंगे।
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