हाल ही में उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती में हुई धांधली का
पर्दाफाश हुआ था। इस फर्जीवाड़े के खुलासे में यूपी के तीन आईपीएस अफसरों
ने जी तोड़ मेहनत की। इनमे प्रयागराज के कप्तान सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज,
अशोक वेंकटेश और अनिल यादव जैसे तीन आईपीएस लगे। तीनों ने दिन रात एक करके
सर्विलांस की मदद से इस धांधली का पर्दाफाश किया था।
4 जून को जब प्रतापगढ़ के एक अभ्यर्थी राहुल सिंह ने एसएसपी से संपर्क किया तो तत्काल कार्रवाई शुरू हो गई। एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने राहुल की तहरीर पर सोरांव थाने में मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद एसएसपी ने इस मामले का पर्दाफाश करने के लिए एएसपी अशोक वेंकटेश और अनिल यादव को लगाया।
जिसके बाद इन दोनों के नेतृत्व में ही पुलिस ने एक कार से जा रहे छह संदिग्धों को साढे सात लाख रुपए के साथ हिरासत में ले लिया। पुलिस अफसरों ने सीबीआई की तरह गैंग में शामिल डॉ. कृष्ण लाल पटेल, स्कूल संचालक ललित त्रिपाठी और लेखपाल संतोष बिंदु को हिरासत में लेकर पूछताछ की और 22 लाख से अधिक कैश बरामद कर लिया।
ऐसे किया खुलासा
भले ही 69000 शिक्षक भर्ती में हुई धांधली की जांच अब एसटीएफ को सौंप दी गई है, लेकिन इससे पहले प्रयागराज पुलिस के तीन आईपीएस अफसरों ने ही इसका प्रदफश किया था। इसमें सबसे अहम रोल जिले के एसएसपी सत्यार्थ पंकज का है। उन्होंने सर्विलांस समेत ,अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया। सीबीआई के तरीके से आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। छापेमारी में आईपीएस के होने के कारण किसी पर कोई सवाल नहीं उठा।4 जून को जब प्रतापगढ़ के एक अभ्यर्थी राहुल सिंह ने एसएसपी से संपर्क किया तो तत्काल कार्रवाई शुरू हो गई। एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने राहुल की तहरीर पर सोरांव थाने में मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद एसएसपी ने इस मामले का पर्दाफाश करने के लिए एएसपी अशोक वेंकटेश और अनिल यादव को लगाया।
जिसके बाद इन दोनों के नेतृत्व में ही पुलिस ने एक कार से जा रहे छह संदिग्धों को साढे सात लाख रुपए के साथ हिरासत में ले लिया। पुलिस अफसरों ने सीबीआई की तरह गैंग में शामिल डॉ. कृष्ण लाल पटेल, स्कूल संचालक ललित त्रिपाठी और लेखपाल संतोष बिंदु को हिरासत में लेकर पूछताछ की और 22 लाख से अधिक कैश बरामद कर लिया।