लखनऊ. इलाहाबाद
हाईकोर्ट में 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया रोके जाने के
मामले में शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा. हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के जज
पीके जायसवाल और जज दिनेश कुमार सिंह की पीठ शुक्रवार को इस मामले पर फैसला
सुनाएगी. गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गत 3 जून को प्रदेश में 69000
बेसिक शिक्षकों की भर्ती संबंधी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी.
जज
आलोक माथुर की अदालत का कहना था कि परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ प्रश्न
गलत थे लिहाजा केंद्रीय अनुदान आयोग द्वारा इसकी फिर से पड़ताल किए जाने की
जरूरत है. उत्तर प्रदेश सरकार ने एक विशेष याचिका दाखिल कर उत्तर प्रदेश
में 69000 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने के फैसले को
चुनौती दी है.
जज पंकज जायसवाल और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार की ओर से परीक्षा नियामक आयोग (ईआरए) द्वारा दाखिल की गई इस याचिका पर 9 जून को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
वहीं हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में टीईटी पास आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग में समायोजित करने के 25 मार्च 94 के शासनादेश की वैधता की चुनौती याचिका दाखिल की गई है. मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से एक माह में जवाब मांगा है. याचिका की सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने अजीत कुमार और 35 अन्य की याचिका पर दिया है.
इन छूट को चुनौती
याचिका में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा, 2019 में NCTE और राज्य सरकार द्वारा TET पात्रता के लिए 5% की छूट, ARTE परीक्षा में पुनः 5% की छूट तथा उत्तर प्रदेश आरक्षण नियमावली 1994 की धारा 3(6) एवं शासनादेश 25-मार्च 1994 द्वारा आरक्षित वर्ग को आयु की छूट देने की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है.