लखनऊ(Uttar Pradesh). उत्तर प्रदेश में 69 हजार
शिक्षकों की भर्ती में चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं । भर्ती में 95
फीसदी नम्बरों के साथ टॉप करने वाले धर्मेन्द्र पटेल के बारे में
अजीबोगरीब खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि धर्मेन्द्र शादी-विवाह में
डीजे बजाने का काम करता था। उसे 150 में 142 नम्बर मिले हैं। मामले का
खुलासा होने के बाद जब पुलिस ने धर्मेन्द्र को पकड़ा तो वह एक पुलिस अधिकारी
द्वारा पूछे जाने पर देश के राष्ट्रपति का नाम नही बता सका। धर्मेन्द्र व
इस भर्ती घोटाले में शामिल अन्य लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है ।
कोर्ट के आदेश के बाद एसटीएफ भर्ती प्रक्रिया की जांच कर रही है।
गौरतलब है कि यूपी की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती अनियमितताओं की भेंट चढ़ गई। इस भर्ती में पुलिस ने टॉपर समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले का खुलासा प्रतापगढ़ निवासी राहुल सिंह द्वारा दी गई तहरीर के बाद हुआ। राहुल ने बताया कि झांसी में स्वास्थ्य विभाग में तैनात डॉ केएल पटेल ने कई लोगों से इस भर्ती में पास करवाने के नाम पर 7- 8 लाख रूपए लिए हैं । उसने भी साढ़े सात लाख रूपए दिया था लेकिन उसका नाम लिस्ट में नही आया। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की चौंकाने वाले खुलासे सामने आने लगे।
टॉपर को नही पता कौन है देश का राष्ट्रपति
प्रयागराज पुलिस ने धर्मेंद्र पटेल समेत 10 अन्य दूसरे लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर रिश्वत लेने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार किया था। इनमें से तीन भर्ती परीक्षा में पास होने वाले कैंडिडेट हैं। एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में धर्मेंद्र जनरल नॉलेज के आसान से सवालों को जवाब भी नहीं दे पाया। उसे देश के राष्ट्रपति का नाम भी नही पता था . एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का कहना है कि भर्ती घोटाले का मुख्य आरोपी केएल पटेल है, जो पहले जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है।
STF कर रही मामले की जांच
बेसिक एजुकेशन मिनिस्टर सतीशचंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को कहा था कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई है । पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स मामले की जांच कर रही है। गौरतलब है कि बीते सोमवार को इस मामले में DGP हितेश चन्द्र अवस्थी ने जांच करने के लिए STF को आदेश दिया था।
ऐसे हुआ था मामले का खुलासा
इस मामले में एसएसपी प्रयागराज सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने 5 जून को बताया था कि प्रतापगढ़ निवासी राहुल सिंह ने सोरांव थाने में पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉक्टर कृष्ण लाल पटेल समेत आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरोपियों ने परीक्षा पास कराने के लिए 7.50 लाख कैश लिया था। एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के मुताबिक, एक जून को रिजल्ट आया तो पता चला कि राहुल का नाम उसमें नहीं है। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आठ नामजद आरोपियों में 7 को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। उनके पास से 756000 नकद और अन्य डाक्यूमेंट्स मिले थे।
कट ऑफ़ विवाद से पहले ही भर्ती में आई थी अड़चन
गौरतलब है कि 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया दिसंबर 2018 में शुरू हुई थी, लेकिन विवादों की वजह से मामला कोर्ट में चला गया। एग्जाम के एक दिन बाद ही सरकार ने जनरल कैटेगरी के लिए मिनिमम कट ऑफ 65% और रिजर्व कैटेगरी के लिए 60% कर दिया। इससे पहले जब 68,500 पोस्ट पर भर्ती हुई थी, तब जनरल के लिए कट ऑफ 45% और रिजर्व के लिए 40% था। कट ऑफ बदलने के फैसले को कैंडिडेट्स ने कोर्ट में चैलेंज किया था। इसलिए रिजल्ट में लंबा वक्त लग गया। पिछले महीने की 13 तारीख को ही रिजल्ट जारी किया गया था।
गौरतलब है कि यूपी की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती अनियमितताओं की भेंट चढ़ गई। इस भर्ती में पुलिस ने टॉपर समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले का खुलासा प्रतापगढ़ निवासी राहुल सिंह द्वारा दी गई तहरीर के बाद हुआ। राहुल ने बताया कि झांसी में स्वास्थ्य विभाग में तैनात डॉ केएल पटेल ने कई लोगों से इस भर्ती में पास करवाने के नाम पर 7- 8 लाख रूपए लिए हैं । उसने भी साढ़े सात लाख रूपए दिया था लेकिन उसका नाम लिस्ट में नही आया। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की चौंकाने वाले खुलासे सामने आने लगे।
टॉपर को नही पता कौन है देश का राष्ट्रपति
प्रयागराज पुलिस ने धर्मेंद्र पटेल समेत 10 अन्य दूसरे लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर रिश्वत लेने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार किया था। इनमें से तीन भर्ती परीक्षा में पास होने वाले कैंडिडेट हैं। एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में धर्मेंद्र जनरल नॉलेज के आसान से सवालों को जवाब भी नहीं दे पाया। उसे देश के राष्ट्रपति का नाम भी नही पता था . एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का कहना है कि भर्ती घोटाले का मुख्य आरोपी केएल पटेल है, जो पहले जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है।
STF कर रही मामले की जांच
बेसिक एजुकेशन मिनिस्टर सतीशचंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को कहा था कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई है । पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स मामले की जांच कर रही है। गौरतलब है कि बीते सोमवार को इस मामले में DGP हितेश चन्द्र अवस्थी ने जांच करने के लिए STF को आदेश दिया था।
ऐसे हुआ था मामले का खुलासा
इस मामले में एसएसपी प्रयागराज सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने 5 जून को बताया था कि प्रतापगढ़ निवासी राहुल सिंह ने सोरांव थाने में पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉक्टर कृष्ण लाल पटेल समेत आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरोपियों ने परीक्षा पास कराने के लिए 7.50 लाख कैश लिया था। एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के मुताबिक, एक जून को रिजल्ट आया तो पता चला कि राहुल का नाम उसमें नहीं है। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आठ नामजद आरोपियों में 7 को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। उनके पास से 756000 नकद और अन्य डाक्यूमेंट्स मिले थे।
कट ऑफ़ विवाद से पहले ही भर्ती में आई थी अड़चन
गौरतलब है कि 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया दिसंबर 2018 में शुरू हुई थी, लेकिन विवादों की वजह से मामला कोर्ट में चला गया। एग्जाम के एक दिन बाद ही सरकार ने जनरल कैटेगरी के लिए मिनिमम कट ऑफ 65% और रिजर्व कैटेगरी के लिए 60% कर दिया। इससे पहले जब 68,500 पोस्ट पर भर्ती हुई थी, तब जनरल के लिए कट ऑफ 45% और रिजर्व के लिए 40% था। कट ऑफ बदलने के फैसले को कैंडिडेट्स ने कोर्ट में चैलेंज किया था। इसलिए रिजल्ट में लंबा वक्त लग गया। पिछले महीने की 13 तारीख को ही रिजल्ट जारी किया गया था।