69000 शिक्षक भर्ती में अर्चना तिवारी ओबीसी वर्ग में उत्तीर्ण, गृह जिला आजमगढ़ भी आवंटित

प्रयागराज [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों की 69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में उम्दा अंकों से उत्तीर्ण करने वाली अर्चना तिवारी का अंकपत्र शुक्रवार को सोशल मीडिया में वायरल हो गया। वजह, अर्चना का ओबीसी वर्ग में परीक्षा उत्तीर्ण करना है।
सभी हैरत में हैं कि नाम से ही जो अभ्यर्थी सामान्य वर्ग की है उसका चयन ओबीसी वर्ग में कैसे हो गया? बेसिक शिक्षा परिषद ने उसके गुणांक के आधार पर गृह जिला आजमगढ़ आवंटित भी कर दिया है। उधर, परीक्षा संस्था का कहना है कि उसके मूल आवेदनपत्र में ही ओबीसी वर्ग दर्ज है इसीलिए अंकपत्र में वही लिखा गया है। अब अभ्यर्थी को काउंसिलिंग में ओबीसी वर्ग का प्रमाणपत्र दिखाना होगा, तभी नियुक्ति मिलेगी।
बेसिक शिक्षा परिषद की शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम आने के बाद से प्रतियोगी तमाम अंकपत्र निरंतर वायरल कर रहे हैं साथ ही परीक्षा में अच्छे अंक पाने वालों पर नित नए सवाल उठाए जा रहे हैं। उन प्रकरणों का ठोस आधार न होने से वे सुर्खियां नहीं बन सके। शुक्रवार को अर्चना तिवारी का अंकपत्र वायरल हुआ। अर्चना पुत्री जगदीश प्रसाद का लिखित परीक्षा में पंजीकरण संख्या 4900098460 व अनुक्रमांक 49490804207 रहा है।
शिक्षक भर्ती परीक्षा में अर्चना तिवारी ने 150 में से 114 अंक अर्जित किए हैं। अंकपत्र में उसका वर्ग ओबीसी लिखा है। यह देखकर आम अभ्यर्थियों में हड़कंप मच गया। इतना ही नहीं एक जून को बेसिक शिक्षा परिषद ने उसे गृह जिला आजमगढ़ आवंटित भी कर दिया है, 69000 चयन सूची में उसकी रैंक 13520वीं है। उधर, आवेदन पत्र में दर्ज अर्चना के मोबाइल नंबर 9838359233 पर संपर्क करने का प्रयास किया, एक बार फोन उठा इसके बाद उसे स्विच ऑफ कर लिया गया।


अब काउंसिलिंग में नियुक्ति पर निर्णय : परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि लिखित परीक्षा के लिए लिए गए मूल आवेदन में अर्चना ने ओबीसी वर्ग ही लिखा है इसीलिए उसका अंकपत्र उस वर्ग का जारी हुआ है। भर्ती का साफ्टवेयर इस तरह का था कि यदि कोई अभ्यर्थी जन्म तारीख व शैक्षिक सूचनाएं गलत दर्ज करेगा तो वह आवेदन स्वीकार नहीं होगा लेकिन, अभ्यर्थी का वर्ग उसमें नहीं जांचा जाना था, बल्कि अभ्यर्थी ने जो सूचना आवेदन में दर्ज की है, काउंसिलिंग में उसे दिखाना होगा, तभी चयन होगा। इसमें कोई विसंगति नहीं है।



कोर्ट खारिज कर चुका याचिका : इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने गुरुवार को ही शिक्षक भर्ती के ऑनलाइन आवेदन में संशोधन की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। इसमें अभ्यर्थियों ने सूचनाएं सही करने की मांग की थी। कोर्ट का कहना था कि आवेदन में सुधार का अवसर नहीं दिया जा सकता, क्योंकि इसका बेजा इस्तेमाल करेंगे और पकड़े जाने पर मानवीय भूल बताएंगे।