शिक्षामित्र बेहाल हैं। 69000 शिक्षक भर्ती के लिए बड़ी मुश्किल से दो
परीक्षाएं पास कीं लेकिन फिर भी वे भर्ती से दूर हैं। मामला लगभग 120
शिक्षामित्रों का है जिन्होंने विशेष प्रक्रिया के तहत दूरस्थ बीटीसी न
करते हुए अपने स्तर से बीटीसी या विशिष्ट बीटीसी की परीक्षा पास की थी
इन्न्हें 69000 शिक्षक भर्ती में भारांक का फायदा नहीं दिया जा रहा।
गोरखपुर में शिक्षामित्र संतोष का भारांक समेत शैक्षिक गुणांक 86 हैं लेकिन इन्हें इसका फायदा नहीं मिला क्योंकि उन्होंने विशिष्ट बीटीसी कर रखा है। वहीं कौशाम्बी के राजेन्द्र कुमार, रायबरेली के राकेश कुमार, आगरा के दलवीर सिंह, महारागंज के प्रदीप, फिरोजाबाद के ओमशरण व सुधीर यादव समेत 120 शिक्षामित्रों को लाभ नहीं मिला। इन लोगों ने बीटीसी-विशिष्ट बीटीसी कर रखा है लेकिन इनका नाम भी चयन सूची से गायब है। शिक्षामित्र निदेशालय तक का चक्कर काट रहे हैं लेकिन इन्हें कोई आश्वासन तक नहीं मिल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस भर्ती में प्रतिवर्ष 2.5 अंक अधिकतम 25 अंकों का वेटेज दिया जा रहा है।
सॉफ्टवेयर की गलती, भुगत रहे शिक्षामित्र दरअसल मेरिट एनआईसी के सॉफ्टवेयर के माध्यम से जारी हुई। इस सॉफ्टवेयर में मेरिट ऑटोमेटिकली तय होती है जिसमें दूरस्थ बीटीसी भरने वाले शिक्षामित्रों को ही सॉफ्टवेयर ने सर्च किया और उन्हें भारांक का लाभ दिया गया। इस वर्ष इस भर्ती के लिए लगभग 2000 शिक्षामित्रों ने लिखित परीक्षा पास की है। माना जा रहा था कि ये सभी भर्ती हो जाएंगे क्योंकि ज्यादातर को 25 नंबरों का वेटेज मिलना तय था।
दूरस्थ बीटीसी करने वाले को ही लाभ
तत्कालीन बसपा व सपा सरकारों ने आरटीई कानून के तहत इन्हें प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया और 1.70 लाख शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा से बीटीसी करवाया। लेकिन इससे पहले एससीईआरटी बीटीसी की सीटों पर 10 फीसदी का आरक्षण शिक्षामित्रों को देता आया था। लिहाजा इसका लाभ उठाते हुए कुछ शिक्षामित्रों ने विशिष्ट बीटीसी व बीटीसी किर लिया। शिक्षामित्रों को पिछली 68500 भर्ती में भारांक का फायदा मिला था। इस भर्ती में भी विशिष्ट बीटीसी की हुई शिक्षामित्र सुलतानपुर की सुनीता मिश्र की उम्र 40 से ऊपर थी, इनका प्रवेश पत्र ऑफलाइन जारी किया गया और इन्हें वेटेज का लाभ दिया गया है।
मामला मेरी जानकारी में नहीं है। मुझे अभी तक इसमें कोई प्रत्यावेदन नहीं मिला। यदि ऐसा कुछ हुआ है तो इसे हम लोग दिखवाएंगे।
विजय किरन आनंद, महानिदेशक, बेसिक शिक्षा
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मेरी सरकार से अपील है कि शिक्षामित्रों के साथ अन्याय न होने पाए। सुप्रीम कोर्ट ने दो भर्तियों में वेटेज देने का फैसला दिया था। सरकार इस मामले में संवेदनशील रवैय्या अपनाते हुए शिक्षामित्रों के साथ न्याय करे।
जितेन्द्र शाही, प्रदेश अध्यक्ष, आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर ऐसोसिएशन
गोरखपुर में शिक्षामित्र संतोष का भारांक समेत शैक्षिक गुणांक 86 हैं लेकिन इन्हें इसका फायदा नहीं मिला क्योंकि उन्होंने विशिष्ट बीटीसी कर रखा है। वहीं कौशाम्बी के राजेन्द्र कुमार, रायबरेली के राकेश कुमार, आगरा के दलवीर सिंह, महारागंज के प्रदीप, फिरोजाबाद के ओमशरण व सुधीर यादव समेत 120 शिक्षामित्रों को लाभ नहीं मिला। इन लोगों ने बीटीसी-विशिष्ट बीटीसी कर रखा है लेकिन इनका नाम भी चयन सूची से गायब है। शिक्षामित्र निदेशालय तक का चक्कर काट रहे हैं लेकिन इन्हें कोई आश्वासन तक नहीं मिल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस भर्ती में प्रतिवर्ष 2.5 अंक अधिकतम 25 अंकों का वेटेज दिया जा रहा है।
सॉफ्टवेयर की गलती, भुगत रहे शिक्षामित्र दरअसल मेरिट एनआईसी के सॉफ्टवेयर के माध्यम से जारी हुई। इस सॉफ्टवेयर में मेरिट ऑटोमेटिकली तय होती है जिसमें दूरस्थ बीटीसी भरने वाले शिक्षामित्रों को ही सॉफ्टवेयर ने सर्च किया और उन्हें भारांक का लाभ दिया गया। इस वर्ष इस भर्ती के लिए लगभग 2000 शिक्षामित्रों ने लिखित परीक्षा पास की है। माना जा रहा था कि ये सभी भर्ती हो जाएंगे क्योंकि ज्यादातर को 25 नंबरों का वेटेज मिलना तय था।
दूरस्थ बीटीसी करने वाले को ही लाभ
तत्कालीन बसपा व सपा सरकारों ने आरटीई कानून के तहत इन्हें प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया और 1.70 लाख शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा से बीटीसी करवाया। लेकिन इससे पहले एससीईआरटी बीटीसी की सीटों पर 10 फीसदी का आरक्षण शिक्षामित्रों को देता आया था। लिहाजा इसका लाभ उठाते हुए कुछ शिक्षामित्रों ने विशिष्ट बीटीसी व बीटीसी किर लिया। शिक्षामित्रों को पिछली 68500 भर्ती में भारांक का फायदा मिला था। इस भर्ती में भी विशिष्ट बीटीसी की हुई शिक्षामित्र सुलतानपुर की सुनीता मिश्र की उम्र 40 से ऊपर थी, इनका प्रवेश पत्र ऑफलाइन जारी किया गया और इन्हें वेटेज का लाभ दिया गया है।
मामला मेरी जानकारी में नहीं है। मुझे अभी तक इसमें कोई प्रत्यावेदन नहीं मिला। यदि ऐसा कुछ हुआ है तो इसे हम लोग दिखवाएंगे।
विजय किरन आनंद, महानिदेशक, बेसिक शिक्षा
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मेरी सरकार से अपील है कि शिक्षामित्रों के साथ अन्याय न होने पाए। सुप्रीम कोर्ट ने दो भर्तियों में वेटेज देने का फैसला दिया था। सरकार इस मामले में संवेदनशील रवैय्या अपनाते हुए शिक्षामित्रों के साथ न्याय करे।
जितेन्द्र शाही, प्रदेश अध्यक्ष, आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर ऐसोसिएशन