69000 शिक्षक भर्ती के आवेदन में त्रुटि पर एक अभ्यर्थी को राहत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में चुनी गई अन्य पिछड़ा वर्ग की एक अभ्यर्थी को राहत देते हुए उसके आवेदन में हुई त्रुटि को ‌सुधारने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने याची को काउं‌सिलिंग के समय कमेटी के समक्ष प्रत्यावेदन देने और कमेटी उसपर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उचित ‌निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने झांसी की पिंकी की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है। एडवोकेट सीमांत सिंह के अनुसार 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में याची को 150 में से 108 अंक मिले लेकिन ऑन लाइन आवेदन में स्नातक का रोल नंबर गलत डाल दिया था। अधिवक्ता का कहना था कि ऐसा मानवीय त्रुटि के कारण हुआ है। गलत रोल नंबर भरने का याची का उद्देश्य नहीं था। इस पर कोर्ट ने कहा कि 69 हजार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति 1981 की नियमावली के तहत हो रही है, जिसमें काउंसिलिंग के लिए कमेटी गठित की जाती है। याची काउंसलिंग के दौरान कमेटी को प्रत्यावेदन दे और कमेटी उस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करे।

गौरतलब है कि इसी प्रकार के मामले में आशुतोष कुमार श्रीवास्तव और 60 अन्य की याचिकाएं खारिज हो गई हैं क्योंकि उनमें कुछ अभ्यर्थियों की त्रुटियां मानवीय नहीं पाई गई थीं। कोर्ट का मानना था कि इसकी आड़ में अनुचित लाभ लिया जा सकता है।