बेसिक शिक्षा विभाग की 4000 उर्दू शिक्षकों की भर्ती में देरी के खिलाफ प्रदर्शन

 अंबेडकरनगर। उर्दू शिक्षकों की भर्ती में लापरवाही बरते जाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को पीस पार्टी कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के निकट प्रदर्शन किया। कहा गया कि 4 हजार उर्दू शिक्षकों की भर्ती होनी थी, लेकिन

शासन द्वारा जानबूझकर भर्ती प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है। इससे उर्दू शिक्षक बनने की उम्मीद लगाए युवक-युवतियों को तगड़ा झटका लगा है। चेतावनी देते हुए कहा गया कि यदि शीघ्र ही भर्ती प्रक्रिया नहीं शुरू की गई, तो कलेक्ट्रेट के निकट अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा।



जिलाध्यक्ष अफजाल अंसारी ने कहा कि प्रदेश में 4 हजार उर्दू शिक्षकों की भर्ती होनी थी। युवाओं ने इसके लिए आवेदन भी किया। इसके बाद से भर्ती प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। आरोप लगाते हुए कहा कि शासन जानबूझकर भर्ती प्रक्रिया में विलंब कर रहा है। प्रदेश सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि इस प्रकार की उपेक्षा कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भाजपा ने सबका साथ, सबका विकास नारा दिया था, इसे अब भूल रही है।
अल्पसंख्यकों की लगातार उपेक्षा की जा रही है। उनके हित की अनदेखी की जा रही है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मांग करते हुए कहा कि उर्दू शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को अविलंब शुरू किया जाए। वक्ताओं ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया न शुरू होने से बड़ी संख्या में बेरोजगार युवक युवतियां को तगड़ा झटका लगा है। कहा कि वर्ष 2016 में इसे लेकर राष्ट्रीय आह्वान पर पीस पार्टी कार्यकर्ताओं ने 56 दिन का धरना दिया था।
उस समय भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अब तक नहीं शुरू हो सकी। चेतावनी देते हुए कहा गया कि यदि शीघ्र ही भर्ती प्रक्रिया नहीं शुरू की गई, तो कलेक्ट्रेट के निकट अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा। बाद में राज्यपाल को संबोधित शिकायतीपत्र नायब तहसीलदार को सौंपा गया। इस दौरान हाजी वलीउल्लाह, गुलाम रसूल, मोहम्मद अख्तर, हाजी मुनीर, धर्मदेव, सरदार आलम आदि मौजूद रहे।