नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश 69,000 सहायक शिक्षक मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से बढ़े हुए कट ऑफ को सही ठहराया है और उत्तर प्रदेश सरकार को मई में घोषित परिणामों
के आधार पर सहायक बेसिक शिक्षकों के 69,000 रिक्त पदों पर भर्ती करने की बुधवार को अनुमति दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर शिक्षा मित्रों की अपील को खारिज कर दिया है. कोर्ट के इस फैसले से नए कट ऑफ की वजह से नौकरी से वंचित रह गए शिक्षा मित्रों को झटका लगा है.न्यायमूर्ति यू यू ललित की अगुवाई वाली पीठ ने सहायक बेसिक शिक्षकों के चयन के लिए कट ऑफ अंक बरकरार रखने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली ‘उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ’ की याचिका समेत अन्य याचिकाओं को खारिज कर दिया. हालांकि नए कट ऑफ की वजह से नौकरी से वंचित रह गए शिक्षा मित्रों को अगले साल एग्जाम में बैठने का एक और मौका दिया जाएगा.
शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य को उत्तर प्रदेश में शिक्षा मित्र शिक्षकों को सहायक बेसिक शिक्षकों के तौर पर चयन के लिए फिर से प्रतियोगिता में भाग लेने का एक और मौका देने की अनुमति होगी. यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को इस बारे में आश्वस्त भी किया है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने उत्तर प्रदेश सरकार के 7 जनवरी 2019 के आदेश को चुनौती दी थी. इस आदेश में कहा गया था कि सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 को उत्तीर्ण करने के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को कम से कम 65 अंक और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 60 अंक हासिल करने होंगे.