टीजीटी संस्कृत के संशोधित परिणाम में चयनितों की काउंसलिंग का आदेश

 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक संस्कृत विषय के उन चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग कराने का निर्देश दिया है जो संशोधित परिणाम में सफल घोषित किए गए, मगर उनको नियुक्ति नहीं दी गई है।



कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को याचीगण की काउंसलिंग कराकर नियुक्ति पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। हालांकि ये नियुक्तियां इस याचिका पर होने वाले अंतिम निर्णय पर निर्भर करेंगी। कपिल देव व अन्य की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति पंकज मित्तल ने सुनवाई की। 
याचीगण के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि प्रवक्ता संस्कृत के 442 पदों का विज्ञापन जारी किया गया था। याचीगण इसमें चयनित नहीं हो पाए । उन्होंने लिखित परीक्षा में पूछे गए दो सवालों को लेकर याचिका दाखिल की। कोर्ट के आदेश पर चयन बोर्ड ने उन दो प्रश्नों को सुधारते हुए 11 मई 2019 को संशोधित परिणाम जारी किया, जिसमें याचीगण सफल हो गए।
मगर उनको कॉलेज आवंटित नहीं किया गया। इस बीच माध्यमिक शिक्षा निदेशक प्रयागराज ने 13 फरवरी 2020 को एक विज्ञप्ति जारी कर ऐसे पद, जो चयनित अभ्यर्थियों के ज्वाइन न करने के कारण रिक्त रह गए हैं, पर काउंसलिंग के लिए प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों को बुला लिया। 

याचिका में इसे चुनौती दी गई है। कहा गया कि याचीगण संशोधित परिणाम में चयनित अभ्यर्थी हैं। उनको कॉलेज का आवंटन नहीं हुआ है, जबकि उनसे कम अंक पाने वालों को काउंसलिंग के लिए बुलाया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि याचीगण को काउंसलिंग के लिए बुलाया जाए और उनकी नियुक्ति पर विचार कर निर्णय लिया जाए। ये नियुक्तियां याचिका के निर्णय के अधीन रहेंगी।