उच्च शिक्षण संस्थानों को शोध में हाथ बंटाना जरूरी: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय

नई दिल्ली : शोध को बढ़ावा देने के साथ उसकी गुणवत्ता को भी बेहतर रखने के लिए प्रस्तावित नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) के गठन की तैयारी लगभग पूरी हो गई है। नीति आयोग सहित शोध से जुड़े सभी मंत्रलयों, उच्च शिक्षण संस्थानों और विशेषज्ञों के साथ लंबी चर्चा के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रलय ने इससे जुड़े मसौदे को अंतिम रूप दे दिया है। ऐसे में इसे अब कभी भी कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जा सकता है। सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए अब शोध कार्यो में हाथ बंटाना जरूरी होगा। इनमें सरकारी और निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालय भी शामिल होंगे।



मंत्रलय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक यह स्वतंत्र संस्था होगी। जिसके पास आयोग जैसा अधिकार होगा। साथ ही इसका संचालन एक बोर्ड आफ गवर्नर्स करेगा। जिसका कार्यकाल तय होगा। यह फाउंडेशन उद्योगों के साथ तालमेल भी रखेगा। उनकी जरूरतों को उच्च शिक्षण संस्थानों तक पहुंचाएगा, ताकि शोध कार्यो को तेज कर सके। फाउंडेशन सभी शोध व उच्च शिक्षण संस्थानों में चल रहे शोधों पर भी नजर रखेगा। बेहतर और उपयोगी शोधों को और बढ़ाने को उन्हें वित्तीय मदद देगा। इसके तहत फाउंडेशन का एक अलग फंड होगा। एनआरएफ के गठन के स्वरूप पर काम कर रहे शिक्षा मंत्रलय के अधिकारियों के मुताबिक फाउंडेशन के स्वरूप को तैयार करने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सुझावों को भी ध्यान में रखा गया है। वैसे तो इस फाउंडेशन के गठन की घोषणा मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में जुलाई 2019 में कर दी थी, लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर चल रहे कार्यो को देखते हुए इसे ठंडे बस्ते में रखा गया था।

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