शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत जिले के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में नए टीचरों की तैनाती में खेल किया गया है। शासन ने जो मानक व नियम तय किए थे, उसके अनुसार शिक्षक नहीं तैनात किए गए हैं। जिन विद्यालयों में आवश्यकता नहीं थी, वहां पर भी शिक्षकों की तैनाती दे दी गई है, जबकि ऐसे स्कूल जहां शिक्षकों की ज्यादा जरूरत थी, उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया है।
काफी समय बाद जिले के परिषदीय विद्यालयों को 141 शिक्षक मिले थे। इनमें से 137 को विद्यालयों में तैनाती दे दी गई। बचे चार शिक्षकों के प्रमाणपत्र जमा किए गए मूल प्रमाणपत्र से मेल नहीं खा रहे थे। शासन की ओर से जारी नियम, मानक अनुसार छात्रों और शिक्षकों की संख्या के आधार पर तैनाती के लिए स्कूलों की सूची बनाई जाती है।
इसमें पहले उन विद्यालय को रखा जाता है जहां एक भी शिक्षक नहीं है। इनमें तैनात शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की गिनती नहीं की जाती है। इसके बाद सूची में एकल विद्यालयों को रखा जाता है, जहां एक शिक्षक के भरोसे स्कूल चल रहे हों।
फिर दो, तीन और इससे ज्यादा शिक्षकों वाले विद्यालयों की बारी आती है। विद्यालयों के शिक्षकों के अनुसार तैनाती में इसलिए गड़बड़ी की जाती है, ताकि बाद में शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया में वसूली की जा सके। जहां पहले से ज्यादा शिक्षक हैं, उनमें गए नए शिक्षकों को बाद में समायोजन की प्रक्रिया में डाल दिया जाता है।
दो दर्जन विद्यालयों में एक भी शिक्षक नहीं
गोसाईगंज में 35 एकल विद्यालय हैं। यहां 13 स्कूलों में ही शिक्षकों को तैनाती दी गई। माल के 60 एकल विद्यालयों में से 20 में ही तैनाती दी गई। वहीं, 13 शिक्षकों को यहां के दूसरे विद्यालयों में तैनाती दे दी गई। मोहनलालगंज के 23 एकल विद्यालयों में से 11 में तैनाती दी गई और 10 शिक्षकों को यहां के दूसरे स्कूलों में भेज दिया गया।
सरोजनीनगर के 25 एकल विद्यालयों में से नौ में ही शिक्षकों की तैनाती दी गई और छह को दूसरे स्कूल भेज दिया गया। बीकेटी में आठ एकल स्कूल हैं। यहां एकल विद्यालयों में तैनाती के साथ छह शिक्षकों को भी अन्य स्कूलों में तैनाती दी गई। नगर क्षेत्र में करीब दो दर्जन ऐसे विद्यालय हैं, जिनमें एक भी शिक्षक नहीं है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी के स्तर से जो सूचनाएं होती हैं वह यू डायस पर उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके अनुसार ही तैनाती की जाती है। यह उनकी जिम्मेदारी है कि सही व सटीक सूचनाएं उपलब्ध कराएं। - पीएन सिंह, एडी बेसिक, लखनऊ मंडल
नवनियुक्त शिक्षकों को सबसे पहले बंद और एकल विद्यालयों में भेजा जाना था। आज भी बहुत से एकल विद्यालयों में नए शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई। वहीं, कई जगह जहां शिक्षकों की जरूरत नहीं थी, ऐसे स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती कर दी गई, जो ठीक नहीं है। - विनय कुमार सिंह, प्रांतीय अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश