लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के पाठ्यक्रम के साथ प्रदेश के इतिहास और संस्कृति को भी पढ़ाया जाएगा। विभाग में उच्च स्तर पर हुए मंथन के बाद एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के साथ राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी ) की भी पुस्तकें पढ़ाने पर सैद्धांतिक
सहमति बनी है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि अगले सत्र से परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू होगा। 2025-26 तक ये पाठ्यक्रम कक्षा आठ अजले शैक्षिक सत्र से कक्षा एक में लागू होगा एनसीईआरटी पाठ्यक्रम तक लागू करने की योजना है। एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम पूरी तरह लागू करने पर विद्यार्थियों को प्रदेश से जुड़े इतिहास, महापुरुषों, धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों, सभ्यता और संस्कृति की पूरी जानकारी नहीं मिल पाएगी। इसलिए तय किया गया है कि विद्यार्थियों को यूपी से जुड़ी जानकारियां देने के लिए एससीईआरटी का भी कुछ पाठ्यक्रम पढ़ाया जाए। एससीईआरटी की ओर से गठित समिति यह निर्धारित कर रही है कि पाठ्यक्रम के साथ स्थानीय परिवेश से जुड़े विषय को किस प्रकार शामिल किया जाए।