Gonda: परिषदीय स्कूलों के कायाकल्प में अब पब्लिक भी अपना पैसा लगा सकेगी। जिससे स्कूलों के संसाधनों में बढ़ोत्तरी होगी, परिसर व कक्षा कक्षाएं सुसज्जित हो सकेंगी। परिषदीय स्कूलों में सरकारी पैसे की
कमी के चलते संसाधनों का अभाव बना हुआ है। ऐसे में कई बार बच्चों के पढ़ाई पर असर पड़ने लगता है। ऐसे में अब लोग अपने पैसे से कक्षाओं व अन्य कामकाज के लिए 30 से 50 हजार रुपये तक की सीधी सहायता दे सकेंगे। यह धनराशि बीएसए के जरिए विद्यालय विकास निधि में चेक के माध्यम से सीधे जमा कराई जाएगी।परिषदीय स्कूलों के विकास के लिए यह फार्मूला शिक्षा को बढ़ावा देने वाला साबित होगा। इस धनराशि से कक्षाओं को स्मार्ट बनाया जाएगा। बच्चों के लिए स्कूलों में बने पुस्तकालय समृद्ध बनाए जाएंगे इसके अलावा दीवारों पर पीटंग कराकर बेहतर बनाने का रास्ता बनाया।
स्कूलों का होगा कायाकल्पः स्कूलों का कायाकल्प इस नई व्यवस्था से हो सकेगा। पब्लिक का पैसा कायाकल्प करने के काम आएगा।
पब्लिक के पैसों से अब हो सकेगा स्कूलों का विकास
पब्लिक स्कूलों को गोद ले सकेगी और स्कूलों के बेहतरी का चिंता कर उसका विकास सुनिश्चित करा पाएगी। खुद के पैसे लगाकर लोग स्कूल का विकास कराएंगे। इसके तहत स्कूल के कायाकल्प का सारा रास्ता अपनाया जाएगा। परिसर, कक्षा कक्षाएं विकसित की जाएंगी। अब तक सरकारी स्कूलों में पब्लिक का पैसा नहीं लग पा रहा था। लोग चाहकर भी सरकारी स्कूलों का सौन्दर्यीकरण नहीं करा पाते थे लेकिन अब रास्ता खुल गया है।
66 परिषदीय स्कूलों के विकास के लिए शासन की गाइडलाइन आई है जिसके तहत अब पब्लिक भी अपन आसपास के सरकारी स्कूलों में पैसा दानकर सकेगी। यह पैसा स्कूल के संसाधनों के विकास के काम आएगा।
-डॉ. इन्द्रजीत प्रजापति, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी