सरकारी प्राइमरी स्कूलों के हेडमास्टरों को अब बेहतर स्कूल प्रबंधन के लिए लीडरशिप ट्रेनिंग दी जाएगी। विद्यालय नेतृत्व विकास योजना के तहत ये प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रधानाध्यापकों की वार्षिक गोपनीय आख्या में भी इसे
वरीयता दी जाएगी। ये प्रशिक्षण एक साल का होगा और इसे जनवरी से शुरू करने की योजना है। हेडमास्टरों को इस ट्रेनिंग में स्कूलों में उत्साहवर्धक माहौल तैयार करने और प्रेरक बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अभी तक स्कूलों में हेडमास्टर को केवल इनसर्विस ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें केवल स्कूलों की पाठ योजना या पढ़ने-लिखने से संबंधित प्रशिक्षण ही दिया जाता है लेकिन लीडरशिप ट्रेनिंग में स्कूल के सर्वागीण विकास के लिए प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत स्कूल को प्रेरक बनाने में आने वाली चुनौतियों की पहचान, सुधार के अवसरों की तलाश, सक्रिय समस्या समाधान, नेतृत्व क्षमता का विकास जैसे विषयों में उन्हें पारंगत किया जाएगा। वहीं स्कूल की प्रक्रिया में सुधार, अन्य शिक्षकों की बीच सहयोग की भावना, नवाचार की पहल के लिए पर्याप्त संसाधन व समर्थन समेत समुदाय के साथ स्कूल का जुड़ाव विकसित करने संबंधी जानकारियां व ट्रेनिंग भी दी जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग इसके लिए. राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, यूनिसेफ, मंत्रा फार चेंज, आलोकित,सेन्ट्रल स्कवायर फाउंडेशन आदि संस्थाओं की मदद लेगा। कार्यक्रम के दौरान उन्हें प्रबंधन केक्षेत्र की बड़ी हस्तियों से संवाद का मौका मिलेगा।