गोंडा। 69000 शिक्षक भर्ती अंतर्गत पहले फेज में नियुक्त 376 शिक्षकों को ढाई माह बाद भी पौने चार करोड़ रुपये वेतन नहीं मिला।
बीएसए ने शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन व पुलिस वेरीफिकेशन न होने के कारण इन शिक्षकों का वेतन भुगतान आदेश जारी नहीं किया है जबकि सूबे के कानपुर नगर, मैनपूरी व बलरामपुर समेत कई जिलों में वेतन भुगतान आदेश हो चुका है। नवनियुक्त शिक्षकों के प्रमाणपत्रों के सत्यापन आनलाइन किए जाने हैं लेकिन बीएसए दफ्तर की कार्यप्रणाली से ढाई माह बीत जाने के बाद भी प्रमाणपत्रों का सत्यापन नहीं हो सका जिससे इन शिक्षकों का वेतन भुगतान लटका हुआ है।
69000 शिक्षक भर्ती अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट के अन्तरिम आदेश के बाद जिले मे पहले फेज में 376 शिक्षकों को 17 अक्टूबर 2020 को नियुक्ति मिली। नियुक्ति के बाद 31 अक्टूबर को इन शिक्षकों को स्कूल आवंटित कर दिया गया। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद इन शिक्षकों को परिषदीय स्कूलों में कार्यभार ग्रहण कराया गया । अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने नवनियुक्त शिक्षकों के पुलिस वेरीफिकेशन व शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सत्यपान आनलाइन माध्यम से तय समय के भीतर कराकर वेतन भुगतान करने के आदेश दिये। जिले के बीएसए दफ्तर मे प्रमाण सत्यापन के नाम पर शिक्षकों से शैक्षिक प्रमाण पत्रों की छायाप्रति जमा कराई गई लेकिन ढाई माह बाद भी इन शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का आनलाइन सत्यापन नहीं हुआ और न ही पुलिस वेरीफिकेशन का कार्य पूरा हुआ.
उधर जिले में लगातार मिल रहे फर्जी शिक्षकों के कारण बीएसए वेतन आदेश जारी करने की हिम्मत नही जुटा पा रहे हैं। जिससे जिले के 376 शिक्षकों का करीब पौने चार करोड़ वेतन भुगतान लटका हैं। दूसरी ओर बीते पाँच दिसंबर को नियुक्ति पाने वाले करीब 1100 शिक्षकों की भी जेब खाली हैं।
वहीं सूबे के कानपुर नगरए मैनपूरी व बलरामपुर समेत कई जिलों में नवनियुक्त शिक्षकों का वेतन भुगतान आदेश हो गया उधर बीते 30 दिसंबर को मंडलीय टास्क फोर्स की मासिक समीक्षा बैठक मे मंडलायुक्त एसबीएस रंगाराव ने बीएसए को चेतावनी दी कि नवनियुक्त अध्यापकों की तैनाती में स्वास्थ्य प्रमाण पत्र व अभिलेखों की जांच के नाम पर उनका आर्थिक शोषण करने की शिकायत मिलने पर कठोर कार्यवाई की जाएगी। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन यूटा जिलाध्यक्ष रवि प्रकाश सिंह का कहना है कि बीएसए कार्यालय जानबूझ कर आनलाइन सत्यापन करने में लापरवाही कर रहा है जब 69000 शिक्षक भर्ती मे दूसरे जिलों में नियुक्त शिक्षकों का प्रमाण पत्र सत्यापित हो सकता हैं तो यहां भी सत्यापन होकर वेतन जारी हो जाना चाहिए।
पुलिस वेरीफिकेशन के बाद मिलेगा वेतन : बीएसए
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. इंद्रजीत प्रजापति ने बताया कि नवनियुक्त शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन आनलाइन किया जा रहा है लेकिन पुलिस वेरिफिकेशन न मिलने के कारण वेतन आदेश नहीं हुआ है। जिले में जांच के दौरान फर्जी शिक्षक मिले हैं। शासन की मंशा है कि किसी भी गलत व्यक्ति को वेतन न दिया जाये।