प्रयागराज : प्रदेश के 1.59 लाख विद्यालयों में कार्यरत हजारों शिक्षक समस्याओं का निस्तारण न होने से परेशान हैं। लंबे समय से उनकी अपीलें बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय पर लंबित हैं, उनकी सुनवाई तक नहीं हो पा रही
है। बलिया से लेकर गाजियाबाद तक के शिक्षक न्याय की उम्मीद में यहां पहुंचते जरूर हैं लेकिन, अधिकांश को निराश ही लौटना पड़ता है। इसी तरह से न्यायालयों में शिक्षकों की ओर से दाखिल होने वाले मुकदमों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वजह, परिषद का आइटी व लीगल सेल ही दुरुस्त नहीं है। साथ ही शिक्षकों व विद्यालयों की मानीटरिंग का ढांचा तक विकसित नहीं किया है।बेसिक शिक्षा के स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद प्रयागराज दौरे दिन शिक्षा निदेशालय पहुंचे। उन्हें परिषद के बाहर से लेकर अंदर तक समस्याओं से दो चार होना पड़ा। अफसर व कर्मचारियों की बैठक में महानिदेशक ने कहा कि पिछले दौरे में भी उन्होंने लीगल सेल बनाने का आदेश दिया था। सेल सही से कार्य करेगा तो विभाग और शिक्षकों को सहूलियत मिलेगी। साथ ही आइटी सेल का नोडल अफसर व ढांचा विकसित होने से कई समस्याएं तत्काल सुदूर से ही खत्म करा सकते हैं। उनका जोर स्कूलों व शिक्षकों की मानीटरिंग पर रहा। बोले, मानव संसाधन का अनुश्रवण बेहद चुनौतीपूर्ण और बेसिक शिक्षा को बेहतर करने के लिए अहम है। सभी जिलों को निर्देश है कि शिक्षकों का अवकाश आनलाइन ही स्वीकृत हो। इसमें विसंगतियां देखने को मिल रही हैं।
कहीं 50 आवेदन नहीं तो कहीं हजारों आवेदन हो रहे हैं? पुरुष व महिला शिक्षकों के अवकाश स्वीकृत करने में भी लंबा वक्त लिया जा रहा है। महानिदेशक बोले, परिषद तत्काल इसका नोडल अफसर तय करे और वह नियमित जिलावार मानीटरिंग करे। जिन जिलों में अवकाश स्वीकृति में विलंब या अन्य कमियां दिखें उन्हें नोटिस जारी करके जवाब-तलब किया जाए।
प्रदेश स्तरीय बने कार्यालय व हो कार्य