गोरखपुर। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से एक दिन पहले कूटरचित दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाले चार फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त करने के साथ ही अब जिले में बर्खास्त शिक्षकों की संख्या 88 पहुंच गई है। इनमें से विभाग ने 73 फर्जी शिक्षकों पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। इसके बाद भी अभी तक किसी भी आरोपी से वेतन की रिकवरी नहीं हो सकी है।
बर्खास्त शिक्षकों ने वेतन के मद तकरीबन 40 करोड़ रुपये डकारे हैं। वर्ष 2019 में एसटीएफ की ओर से बेसिक शिक्षा विभाग में छापा मारने के बाद से विभाग को कूटरचित दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाले फर्जी शिक्षकों के खिलाफ शिकायतें मिलनी शुरू हुई। प्रारंभिक जांच में आरोप सही मिले तो विभाग ने आरोपी शिक्षकों को निलंबित कर हुए मामले की जांच संबंधित विकास खंड के खंड शिक्षा अधिकारी को सौंप दी।
उनकी रिपोर्ट के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग ने पिछले दो सालों में 88 फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त किया है। वहीं 20 से अधिक शिक्षक फिलहाल निलंबित है। जिनकी जांच प्रक्रियाधीन है। जांच अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर निलंबित शिक्षकों के भाग्य का फैसला होगा।
क्यों नहीं हो पा रही रिकवरी
विभागीय सूत्रों के मुताबिक, आरोपी शिक्षकों ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की है। उनके दस्तावेजों में दर्ज पता पूरी तरह से फर्जी हैं। उसी नाम के शिक्षक दूसरे जिलों में कार्यरत है। ऐसे में फर्जी शिक्षक की तलाश नहीं हो पा रही है। न ही पुलिस आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार करने में सफल हो सकी है।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अब तक 88 लोगों को बर्खास्त किया जा चुका है। 20 से अधिक निलंबित के खिलाफ जांच चल रही है।
बीएन सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी