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सत्यापन न होने से पुस्तक वितरण में देरी, बेसिक शिक्षा सचिव ने जताई नाराजगी

 उन्नाव। छात्रों को पढ़ाई के लिए मुफ्त दी जाने वाली किताबों के वितरण की गति जिले में धीमी चल रही है। बेसिक शिक्षा सचिव के मुताबिक अब तक पचास फीसदी किताबों का वितरण हो जाना चाहिए था, लेकिन सिर्फ 40 फीसदी किताबें ही ब्लॉक संसाधन केंद्रों तक पहुंच पाई हैं। बीआरसी में शत प्रतिशत किताबें पहुंचने के बाद वह स्कूलों में भेजी जाएंगी। उसके बाद छात्रों को दी जाएंगी पुस्तक वितरण की गति ऐसी ही रही तो छात्रों को एक माह बाद भी किताबें नहीं मिल पाएंगी।



जिले के 2305 प्राथमिक व 809 उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई करने वाले 2.25 लाख छात्रों के लिए 18.50 लाख किताबें आनी हैं। 51 प्रकार की किताबों में कक्षा एक में कलरव, कक्षा दो में किसलय, कक्षा तीन में पंखुड़ी, परिवेश, अंकों का जादू, रैनबो कक्षा चार में फु लवारी, अंकजगत, स्प्रिन, कक्षा पांच में गणित ज्ञान कक्षा छह में अक्षरा, पृथ्वी और हमारा जीवन, इतिहास, विज्ञान भारती, संस्कृत निधि, कक्षा सात में दीक्षा, हमारा भूमंडल, भारत की महान विभूतियां, गृह कौशल व कक्षा आठ में प्रज्ञा व इंग्लिस रीडर की किताबें आ चुकी हैं।

नॉर्मल स्कूल में बने स्टोर में किताबों को सुरक्षित रखवाया गया है। अब तक 10 लाख किताबें आ चुकी हैं। सिर्फ छह लाख किताबों का सत्यापन हो पाया है। सत्यापन के अभाव में अब तक किताबें ब्लॉक संसाधन केंद्र भी नहीं पहुंच पा रही हैं।

50 फीसदी किताबों का सत्यापन न होने पर बेसिक शिक्षा सचिव सवेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने नाराजगी जताई है। उन्होंने एक सप्ताह में सत्यापन प्रक्रिया जल्द पूरी कराकर किताबें स्कूल तक पहुंचाने के लिए कहा है। पाठ्य पुस्तक वितरण प्रभारी शशिप्रभा श्रीवास्तव ने बताया कि 132 प्रकार की कुल किताबें आनी हैं। सत्यापन कमेटी में डीआईओएस मुख्य है। उन्हीं के माध्यम से सत्यापन होना है। जैसे ही किताबों का सत्यापन हो जाता है। किताबों को भेज दिया जाएगा।

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