लखनऊ, जागरण संवाददाता। शिक्षा विभाग में रिक्त सभी पदों की भर्ती किए जाने को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन बुधवार को भी जारी रहा। बुधवार को प्रदर्शन कम ड्रामा ज्यादा देखने को मिला। अभ्यर्थी एससीईआरटी कार्यालय स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए और दौरान नौकरी की मांग करने लगे। मौके पर पहुंची पुलिस ने अभ्यर्थियों को काफी समझाने का प्रयास किया, मगर उन्होंने किसी की एक न सुनी। सुबह 11 बजे शुरू हुआ प्रकरण दोपहर तक जारी रहा।
इससे पहले मंगलवार को अभ्यर्थियों ने पहले शिक्षा निदेशालय का फिर भाजपा कार्यालय का घेराव करने का प्रयास किया था। मगर भाजपा कार्यालय के पास पहुंचने से पहले पुलिस ने उन्हें रोक लिया। विरोध के दौरान महिला अभ्यर्थी सड़क पर लेट गईं थी और नौकरी की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगीं थीं। अभ्यर्थियों का कहना था कि न्यायालय ने 1.37 लाख पदों को दो भर्ती प्रक्रिया के तहत भरने का आदेश दिया था, ऐसे में शेष पद अगली भर्ती में क्यों? अभ्यर्थियों का यह भी कहना थ कि सरकार के अनुसार प्रदेश में करीब ढाई लाख पद खाली हैं, इनमें 22 हजार खाली पदों के अलावा भी तमाम पद ऐसे हैं जिन पर सरकार भर्ती कर सकती है। इसके अलावा बहुत से बीएड अभ्यर्थियों के पास यह अंतिम मौका था, क्योंकि उम्र के कारण बीएड के लिए 2011 के बाद कोई भर्ती प्राइमरी में नहीं आई। बहुत से अथ्यर्थी 15 वर्ष पूर्व पढ़ रहे थे, उनके शैक्षिक ज्ञान और मौजूदा समय में पढ़े अभ्यर्थियों के शैक्षिक ज्ञान में काफी असमानता है, ऐसे में सरकार द्वारा प्रक्रिया के तहत तीन अंक देना कमजोर एकेडमिक वालों को भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर देना।
बता दें कि इससे पहले बेरोजगार युवक युवतियां काफी दिनों से राजधानी में जगह जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को इन्होंने शक्ति भवन के सामने प्रदर्शन किया। इससे पहले विधान भवन और भाजपा कार्यालय के आगे भी कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। अभ्यर्थियों की मांग है कि जब तक सरकार उनकी मांगे पूरी नहीं करेगी वे प्रदर्शन जारी रखेंगे। इससे पहले ओबीसी और एसई वर्ग के लोगों ने पिछले दिनों शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के घर का घेराव किया था। इसमें आरोप था कि 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के नियम को फॉलो नहीं किया गया है। इसमें छह लोगों का डेलीगेशन शिक्षा मंत्री से मिला भी था।
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