जागरण संवाददाता, प्रयागराज। प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक परीक्षा (टीजीटी) में पकड़े गए साल्वर गैंग में देहरादून स्थित एजी आफिस का आडीटर अमित वर्मा भी शामिल है। यही नहीं, उसकी पत्नी भी अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थी से लाखों रुपये लेकर उनके नाम पर परीक्षा देती है। आडीटर मूलरूप से फतेहपुर का निवासी है। दोनों की तलाश चल रही है। शनिवार को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने साल्वर गैंग के सरगना समेत नौ लोगों को प्रयागराज व कौशांबी से गिरफ्तार किया था।
अमित वर्मा पेपर आउट कर उपलब्ध कराता था
गिरोह के सरगना धर्मेंद्र कुमार उर्फ डीके और गुर्गों से पूछताछ में पता चला है कि अमित वर्मा पेपर आउट कराकर उन्हें उपलब्ध करवाता था। उसने टीजीटी का पर्चा दिलाने की बात कही थी। हालांकि इस बार अमित वर्मा ने प्रयागराज न आकर देहरादून से इंटरनेट मीडिया के जरिए ही पेपर साल्व करने की बात कही थी। डीके और अमित के बीच वाट्सएप पर हुई चैटिंग एसटीएफ के हाथ लगी है।
एसटीएफ सीडीआर निकलवा रही है
एसटीएफ अमित के मोबाइल की काल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) निकलवा रही है। माना जा रहा है कि विवरण मिलने के बाद गैंग के अन्य गुर्गों के बारे में भी पता लग जाएगा। जमानत पर जेल से बाहर आए शिक्षक भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपित केएल पटेल का कनेक्शन भी सामने आ सकता है। दरअसल डीके और उसके कई गुर्गे केएल पटेल के साथ काम कर चुके है। दोनों के संबंधों को भी खंगाला जा रहा है। एसटीएफ आडीटर के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने के लिए भी पत्राचार की तैयारी में है। जल्द ही एक टीम उत्तराखंड भेजी जाएगी।
घर छोड़कर फरार हुए विजय शंकर के साथी
कौशांबी से पकड़े गए साल्वर गैंग के सरगना विजय शंकर मिश्रा के साथी घर छोड़कर फरार हो गए हैं। सभी के मोबाइल भी बंद हैं। एसटीएफ ने दबिश तो इस बारे में पता चला। एसटीएफ का कहना है कि मेजा निवासी विजय शंकर वकालत की आड़ में जगतपुर के संजय ङ्क्षसह कुशवाहा, कोरांव के मनीष कुमार पांडेय, कीडगंज के श्यामजी, धूमनगंज निवासी रेलवे के इंजीनियर विनोद गुप्ता के साथ नकल कराने वाला गिरोह संचालित करता था।
एसटीएफ के सीओ बोले
एसटीएफ के सीओ नवेंदु कुमार ने कहा कि देहरादून का आडीटर भी साल्वर गैंग का सदस्य है। पता चला है कि उसकी पत्नी भी साल्वर के रूप में काम करती है। जल्द ही सभी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।