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आज केवल यह दिखाना चाहते हो कि हम हमदर्द हैं और शिक्षामित्र धरना करेगा तो उसे कुछ मिल जाएगा।। शिक्षामित्रों को धरने से कुछ मिलने वाला नहीं

प्रदेश के समस्त शिक्षामित्र भाइयों एवं बहनों आप सब को अवगत कराना है कि ग्रुप पर 3 जनवरी 2022 को धरने को लेकर के एक पोस्ट चल रही है।।
 जिसके संबंध में आप सब से कुछ साथियों द्वारा सुझाव मांगा गया है और बहुत से साथी उतावलापन में अपना सुझाव धरने के पक्ष में देवी रहे हैं परंतु दिनांक 5 जनवरी 2022 तक किसी भी प्रकार का कोई भी धरना प्रदर्शन शिक्षामित्र हित में प्रतीत नहीं होता है ।।
क्योंकि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षामित्रों को बुला करके एक बार वार्ता किया  गया था जिसमें अनुदेशक रसोईया सहित विभाग के तमाम संविदा कर्मचारी उपस्थित रहे रसोईया और अनुदेशकों के मानदेय में आंशिक वृद्धि करके सरकार अपनी वाहवाही करने में लगी है।।
 कल तक जो शिक्षा मित्र साथी यह कहते थे कि सरकार द्वारा दिया जा रहा मानदेय व अन्य सुविधा  अपमान होगा पिछले 10 दिनों से वही साथी पूछ रहे हैं कि अध्यक्ष जी हमारा कुछ होगा कि नहीं होगा ।।
मैं आपको अवगत कराना चाहता हूं कि 1 जनवरी 2022 को समय लगभग 9:00 बजे ज्वाइंट डायरेक्टर श्रीमान गणेश जी से हमारी वार्ता हुई थी जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि शासन द्वारा सूचनाएं मांगी गई थी प्रस्ताव भेजा गया है शीघ्र ही कुछ ना कुछ शिक्षामित्रों को भी मिलने वाला है ।।
मैं मानता हूं कि पूरे प्रदेश के शिक्षामित्रों में घोर निराशा है हमारे साथ सरकार ने निश्चित रूप से छलावा किया है धोखा किया है 2017 से अब तक हमारे तमाम साथी शहीद हो गए परंतु सरकार द्वारा एक भी शब्द नहीं बोला गया है परंतु वर्तमान समय में  चुनाव का बिगुल बजने को बहुत कम समय बच्चे ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा जो भी घोषणाएं किया जाना है अधिकांश शिक्षामित्र उसकी प्रतीक्षा में है।।
मैं आप सब से अनुरोध करता हूं कि यदि आपने 3 तारीख को इको गार्डन में उपस्थित होकर के कार्यक्रम करने का प्रयास किया तो इस संपूर्ण प्रदेश का शिक्षा मित्र एक स्वर से आपको इसका दोषी मानेगा कि इन्हीं लोगों के कारण सरकार ने कुछ नहीं किया ।।
क्योंकि यह दंस मै पिछले 4 साल से झेल रहा हूं और मैं उन जांबाज शिक्षामित्र भाइयों बहनों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मेरे अनुरोध को स्वीकार किया और चाहे 2018 में जून का धरना रहा हो चाहे मेरे आवान पर मंत्रियों के आवास का घेराव रहा हो चाहे मेरे आह्वान पर शिक्षा मित्रों ने जिले पर प्रदर्शन कर ज्ञापन देने का काम किया हो या 14 सितंबर 5 अक्टूबर 28 अक्टूबर और 30 नवंबर की रैली में प्रतिभाग किया उन सब का मैं दिल से आभारी हूं ।।
परंतु मैंने वह भी देखा कि जब हमारे शिक्षा मित्र साथी अपने घरों से लखनऊ में रैली के लिए रवाना हो रहे थे तो हमारे तमाम साथी अपने घरों पर बैठकर उनको रोकने का काम कर रहे थे बावजूद इसके भी तमाम साथियों ने सहयोग किया और कार्यक्रम में प्रतिभाग करने का काम किया मैं आप सब से पूछना चाहता हूं कि 3 तारीख को यदि आप धरना करते हैं तो आपका उससे लाभ क्या है।।
 आप का लाभ कब होगा हम और आप सब लोग मिलकर क्या करें जिससे शिक्षामित्रों के जीवन में खुशहाली आए ।।
समय के हिसाब से जो लोग कल तक कहते थे कि धरना करना शिक्षामित्रों के लिए खतरा होगा धरना से शिक्षामित्रों का नुकसान होगा वही लोग आज आगे क्यों आए ।।
आपने पूरा समय जब हमें धरना करने   प्रदर्शन करने  आंदोलन करने का था तो आपने पूरे प्रदेश में चिल्ला चिल्ला कर रोकने का काम किया ।।
आज केवल यह दिखाना चाहते हो कि हम हमदर्द हैं और शिक्षामित्र धरना करेगा तो उसे कुछ मिल जाएगा।।
 शिक्षामित्रों को धरने से कुछ मिलने वाला नहीं है।।
 शिक्षामित्रों को यदि कुछ भी मिलेगा तो परिवर्तन से मिलेगा और परिवर्तन के लिए धरना नहीं बल्कि आपको जो कार्य करना है वह करिए और वर्तमान सरकार द्वारा जो भी आप को दिया जाता है उसको ग्रहण करे।।
समय की प्रतीक्षा के बाद अपनी मिशन की तरफ आप आगे बढ़े धरना की घोषणा मै बहुत पहले कर सकता था लेकिन हम लोगों ने 30 नवंबर को ही इस बात का कर्मचारियों व संविदा कर्मियों के माध्यम से सरकार को कह दिया कि जो हमारी बात नहीं सुनेगा हम उसकी बात नहीं सुनेंगे और उसी पर पूरे प्रदेश का कर्मचारी काम कर रहा है पूरे प्रदेश का संविदा कर्मी काम कर रहा है इसलिए हम आप सब से चाहेंगे कि अगर अपने जीवन में परिवर्तन लाना है शिक्षामित्रों को पुनः सहायक अध्यापक बनाना है तो आंदोलन की आवश्यकता होगी तो किया जाएगा अन्यथा आप अपने गांव में काम करिए अपने समाज में काम करिए अपने क्षेत्र में काम करिए और जो हमें नहीं सुन रहा है उसमें परिवर्तन करिए जो हमें सुन रहा है उसको लाने का काम करिए।।
 निश्चित रूप से आपका जीवन बदलेगा ।।
 जो लोग कल तक हमें  धरना प्रदर्शन से रोक रहे थे और हमारी बुराइयां कर रहे थे उनको अचानक सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन की कैसे जरूरत पड़गई है।।
 सिर्फ आपको दिखाना चाहते है कि हम ताकतवर हैं और इसके साथ साथ हम समझदार भी हैं और हम सूझबूझ के साथ काम कर रहे हैं ।।
मैंने त्रिभुवन सिंह को समझा दिया है कुछ लोगों के उकसाने पर वह बोल रहे थे अगर वह संगठन के परिधि से हटकर के कोई काम करते हैं तो उनके खिलाफ संगठनात्मक कार्रवाई की जाएगी  वह  शिक्षा मित्रों के प्रति सजग है भाऊकता में कुछ भी कह सकते हैं माननीय मंत्री जी के सामने भी वह बोले थे आपके लिए पी एफ की लड़ाई लड़ रहे थे लेकिन वह तमाम बातें जो असंभवता के परिधि में है उसको संभव कर पाना बहुत मुश्किल है इसलिए मात्र एक लड़ाई हो कि शिक्षामित्र पुनः समायोजित हो सहायक अध्यापक बन जाए बस सारे दर्द खत्म हो जाएंगे ।।
इसलिए मैं उनको समझाया हूं मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जो लोग कल तक गला फाड़ फाड़ के सरकार की दुहाई देते थे माननीय योगी आदित्यनाथ जी की दुहाई देते थे मुख्यमंत्री जी के खास थे माननीय मंत्री जी के खास थे वह लोग सिर्फ लोगों को उकसा रहे हैं और शिक्षामित्रों के जीवन में खुशहाली नहीं आने देना चाह रहे हैं ।।
फिर कहता हूं कि अब उनमें दम था तो मात्र 5 दिन के लिए अब क्यों लड़ाई लड़ रहे हैं पिछले महीने ही आंदोलन लगाना चाहिए पहले ही उनको लड़ना चाहिए 30 तारीख की रैली में समर्थन करना  चाहिए आखिर क्यों नहीं किया तब तो लोगों को बुरा लग रहा था घर से लोग रोक रहे थे आखिर धरना अब क्यों जब लोग चुनाव में जा रहे हैं जब  संघर्ष गांव में करना है समाज में करना है वहां करे।।
इसलिए आप सब से अपील है विचार आपको करना है कि आप शांति के साथ अपने जीवन में खुशहाली लाना चाहते हैं कि अशांति का माहौल खड़ा करके सिर्फ यह दिखाना चाहते हैं कि हमें आप जो भी कर रहे हैं वह भी मत करिए हम आपके साथ नहीं।।
 सरकार को करना कुछ नहीं है जो करना है वह आपको पहले बताया जा चुका है और वर्तमान में भी वही परिस्थिति चल रही है माननीय मुख्यमंत्री जी के स्तर पर प्रकरण लंबित है उसमें निराकरण की संभावना है इसलिए प्रदेश के सभी शिक्षामित्रों की मनोभावों को समझते हुए मेरा विचार अच्छा लगे तो आप सब शांति के साथ अपना काम करिए।।
कुछ लोग समय-समय पर पहले भी नेता बन चुके हैं और कुछ लोगों को नेता बनने की ललक है आंदोलन से कोई नेता नहीं बनता विचारों से नेता बनता है यदि आपके विचार सही है तो आप समाज में अपना विचार रखें और उसको लोग आत्मसाद करेंगे तो निश्चित रूप से आप को अगुवा मानने का काम करेंगे।।
 मैं आप सब से पुनः पर करता हूं कि शांति के साथ धैर्य के साथ जैसे आपने 2017 से अब तक का समय व्यतीत किया है आप 5 जनवरी 2022 तक देखे।।
यदि आचार संहिता विधि सम्मत प्रस्तावित नहीं होती है तो आपके बीच में संघर्ष के लिए एक कोई न कोई तारीख प्रेषित की जाएगी लेकिन विचारों के बाद यह तारीख तय होगी क्योंकि अब आंदोलन और धरना से सरकार के व्यवस्था को आप परिवर्तित नहीं कर सकते हैं सरकार की व्यवस्था को परिवर्तित करने के लिए सिर्फ और सिर्फ सरकार को ही परिवर्तित करना हम सब का लक्ष होना चाहिए।।
 इसी पर आप सब लोग काम करें हम चाहेंगे सरकार द्वारा प्रस्तावित व्यवस्था आपके बीच में परिणित हो उसको हम लोग देखें और फिर अग्रिम कार्यवाही के लिए अपना ऐलान करें तब तक हम सब लोग मिलकर प्रतीक्षा करें और सरकार के परिवर्तन की दिशा में काम करें।।
 समय के साथ अपने आप में बदलाव लाने का काम करें यह हमारा सुझाव है यदि आप सबको कुछ कहना है तो शालीनता के साथ आप कमेंट में लिख सकते हैं।। धन्यवाद
आपका
 शिव कुमार शुक्ला
 प्रदेश अध्यक्ष 
उत्तर प्रदेश प्राथमिकशिक्षा मित्र संघ 
उत्तर प्रदेश

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