आरक्षण का खेला जिसने रेजिडेंट डॉक्टर्स को पेला
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NEET PG की परीक्षा जनवरी में होकर जून जुलाई में एडमिशन की प्रक्रिया होती है लेकिन लास्ट ईयर कोविड की वजह से परीक्षा अप्रैल में कर दी गई , अप्रैल में हालात बद से बदतर थे तो परीक्षा सितम्बर में हुई । परीक्षा का परिणाम सितम्बर अंत मे आया एडमिशन अभी तक न हुए और NEET 2022 की परीक्षा भी आ गई है ।
इनके सीटों का विभाजन 50% AIQ (all India quota) और 50% SQ (state quota) के हिसाब से विभाजित होती हैं ।
AIQ में तीन तरह के आरक्षण होते थे SC ST और PWD ।
खेल यहीं से शुरू होता है ओबीसी को 27% और EWS को 10% भी दिया जाएगा जबकि पहले ऐसा नहीं था ये चीज़ 2021 जुलाई में साहिब ने ट्वीट करके बताई ।
पद तो बढ़ाए नहीं उन्हीं पदों पर ये कारनामा कर दिया और विभाजन का खेल यहाँ भी ।
अब PIL फ़ाइल की गई - उसमें कहा गया कि 10% वाले में 8 लाख की अपर लिमिट है वो कैसे ?
सवाल ये है कि जो परिवार ₹ 66,000 प्रति माह कमा रहा है क्या वो EWS में गिना जाएगा ?
टैक्स देने वाले मात्र 3% लोग हैं यानी टैक्स स्लैब देखें तो ₹0 से ₹ 2.5 लाख तक लोग हुए 97% तो EWS में तो 97% लोग आते हैं देश के , ये कौन सा आरक्षण हुआ ?
SC ने सरकार से पूछा कि डेटा दो 8 लाख का कहाँ से लाए हो और same limit OBC के लिए भी है जो socially backward हैं तो उनके लिए वही लिमिट कैसे ?
Lower caste economically weaker section & upper caste economically weaker section बराबर कैसे हो गए ?
कोर्ट ने कहा है - govt was making unequals as equals
Nov 2021 में SG तुषार मेहता ने कोर्ट से 4 हफ्तों का समय मांगा था इसको revisit करने के लिए ।
वैसे जानकार मुझे ये बताएं कि क्या CTET में OBCs को central में आरक्षण मिलता है states में तो है लेकिन क्या central में है ?
बाकी सही है किसान तो इनके आने जाने वाले रास्ते मे आते थे पर अब ?
आएंगे सभी जद में 😄😄😄😄😄
#राणा
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