लखनऊ में रहकर साल से वेतन लेने वाली परिषदीय शिक्षिका से स्पष्टीकरण तलब

अमरोहा। लखनऊ में रहकर चार साल से वेतन लेने वाली शिक्षिका पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटकती दिख रही है। बीएसए को नोटिस जारी कर शिक्षिका से स्पष्टीकरण तलब किया है। जबकि विद्यालय की सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापिका और बीईओ से जवाब मांगा है।

जोया विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय केशोपुर में प्रधानाध्यापिका फाजिला नुजहत के अलावा सहायक अध्यापिका मीनाक्षी और दो शिक्षामित्र तैनात हैं। प्रधानाध्यापिका फाजिला नुजहत 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो गई हैं। उनका आरोप है कि मीनाक्षी का पति लखनऊ में एक माननीय का गनर है। जिसमें वजह से मीनाक्षी पिछले चार साल से कभी-कभार ही स्कूल आई है। जबकि वह लगातार लखनऊ में रहकर वेतन ले रही है। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद भी मीनाक्षी विद्यालय का चार्ज लेने नहीं आ रही है, जिससे कार्यभार से मुक्त हो सकें। सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापिका की शिकायत के बाद बीएसए चंद्रशेखर हरकत में आ गए। उन्होंने सहायक अध्यापिका मीनाक्षी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया है। साथ ही चार साल में अबतक तैनात रहे संबंधित बीईओ भी जवाब मांगा है। बीएसए के मुताबिक जब शिक्षिका स्कूल नहीं आ रही है, तो उसका वेतन कैसे निकल रहा है। वहीं बीएसए ने सेवानिवृत हुई फाजिला नुजहत की कार्यशैली को संदिग्ध माना है। बीएसए का कहना है कि प्रधानाध्यापिका 27 दिन पहले सेवानिवृत्त हुई हैं। जब उन्हें कार्यभार से मुक्त होने की जरूरत पड़ी, तो उन्होंने अधिकारियों को इसकी जानकारी दी है। जबकि उन्होंने मीनाक्षी के स्कूल नहीं आने की चार साल में एक भी शिकायत दर्ज नहीं कराई। इससे साफ है कि मीनाक्षी और फाजिला नुजहत के बीच तालमेल ठीक चल रहा था। पहले शिकायत न करना फाजिला नुजहत की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है, उनसे भी इस संबंध में जवाब मांगा गया है।