यूपी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लिए हुए प्रस्तुतीकरण में सरकार का दावा

 सूबे की शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव करने की तैयारी है। विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों की शिक्षा में सुधार के लिए शिक्षकों को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों से प्रशिक्षण दिलाने की योजना बनाई जा रही है। प्रदेश सरकार जल्द ही अमेरिकी यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर कर सकती है।


राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर अमल कराने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय सतत प्रयासरत है। पिछले दिनों प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षा मंत्रालय के समक्ष प्रजेंटेशन में कहा गया कि वह अपने कालेजों के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाने के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों की मदद लेने की प्रक्रिया में हैं। ज्ञात हो कि उच्च विभाग की ओर से एनईपी के प्रविधानों को लागू करने के लिए कई स्तरों पर कार्य किया जा रहा है।

सूबे में कालेजों और यूनिवर्सिटी में ई-कंटेंट स्टूडियो और इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। दो विश्वविद्यालयों में ई-कंटेंट स्टूडियो स्थापित हो चुका है, जबकि उच्च शिक्षा निदेशालय में इसकी स्थापना की जा रही है। वहीं, 24 विश्वविद्यालयों में इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं, जो 200 से अधिक स्टार्टअप की मदद कर रहे हैं। इन कदमों से उच्च शिक्षा क्षेत्र में लर्निंग टेक्नोलाजी में सुधार दिखाई पड़ेंगे। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग ने बताया कि उच्च शिक्षा निदेशालय परिसर में ई-कंटेंट स्टूडियो स्थापित कराने के लिए एक करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। 119 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क स्थापित किए गए हैं, ताकि डिजिटल टीचिंग व लर्निंग को बढ़ावा मिले।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में 2021 से ही विश्वविद्यालय व महाविद्यालय एमएसएमई के तहत छोटे-बड़े उद्योग व अन्य संस्थानों से 500 से अधिक एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों के अनुरूप कालेज तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों पाठ्यक्रमों में स्नातक छात्रों को अनिवार्य इंटर्नशिप दिलाने के लिए भी काम करेंगे। इसके लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं।