हाल-ए-बेसिक शिक्षा: किताबें चाहिए 11 करोड़ मिलीं केवल छह करोड़, कैसे पढ़े यूपीअप्रैल में शुरू हुआ सत्र,बच्चों को अब मिल रही हैं किताबें

 बरेली। प्रदेश सरकार के ‘खूब पढ़ो-खूब बढ़ो’ का नारा किताबों की कमी के कारण पूरी तरह से सफल नहीं हो पा रहा। स्थिति यह है कि इस सत्र को शुरू हुए पांच माह बीतने वाले हैं लेकिन अभी तक स्कूली छात्रों को पूरी

किताबें नहीं मिली हैं। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के छात्रों के लिए करीब 11 करोड़ किताबों की जरूरत है लेकिन अब तक छह करोड़ ही स्कूल तक पहुंच पाई हैं। अंग्रेजी और उर्दू माध्यम की तो एक भी किताब छात्रों को नहीं मिली हैं।



सत्र शुरू होने से पहले बेसिक शिक्षा सचिव ने आदेश किया था कि बच्चों की पुरानी किताबें जमा करवाकर नये बच्चों को बांट दी जाएगी। इसपर अमल नहीं हो सका, इससे बच्चों के पास पुरानी किताबें नहीं हैं। प्रदेश भर के स्कूलों में नई किताबों के लिए बच्चे पांच माह से इंतजार कर रहे हैं। किताबें आईं तो मगर इनकी संख्या काफी कम है। बरेली में 4.34 लाख छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इनके लिए करीब 24 लाख किताबों की मांग हुई थी लेकिन आठ लाख ही आई हैं। अफसरों का कहना है कि प्रदेश के 13 प्रकाशकों में से सिर्फ दो ने ही बरेली में अपनी सप्लाई दी है।


कितनी किताबें पहुंची जिलों में, रिपोर्ट तलब
लखनऊ। यूपी बोर्ड में कक्षा 9 से 12 तक की किताबों की कमी की शिकायतों पर सरकार ने कार्रवाई करते हुए हर जिले में किताबों की सप्लाई पर रिपोर्ट तलब की है। अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने डीआईओएस को वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान निर्देश दिए कि मुद्रकों ने हर जिले में कितनी किताबें पहुंचाई हैं, इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएं। डीआईओएस अपने जिले में पंजीकृत कक्षा 9 से 12 तक की छात्र संख्या और मुद्रक द्वारा सप्लाई की गई किताबों की संख्या भेजेंगे, जिससे अंदाजा लगाया जाएगा कि कितनी किताबें कम पहुंची हैं।

जिला किताबों की मांग आपूर्ति

लखनऊ 16 लाख 11.70 लाख

वाराणसी 16 लाख 8.50 लाख

गौतमबुद्ध नगर 6.30 लाख 3 लाख

प्रयागराज 34.8 लाख 29 लाख

मेरठ 11.30 लाख 7.05 लाख

अलीगढ़ 17 लाख 08 लाख

आगरा 17.48 लाख 11 लाख

कानपुर नगर 12.50 लाख 09 लाख

गोरखपुर 23 लाख 09 लाख

चित्रकूट 09 लाख 06 लाख

अलीगढ़ 17 लाख 08 लाख

संभल 12 लाख 08 लाख

बिजनौर 17 लाख 6.80 लाख

समय से होगी सप्लाई
राज्य पाठ्य पुस्तक अधिकारी श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि 11 करोड़ की मांग के सापेक्ष छह करोड़ किताबों की सप्लाई हो चुकी है। शेष पुस्तकों की भी तेजी से सप्लाई कराई जा रही है।

ये किताबें ही मिलीं
कक्षा एक से पांच के लिए पंखुड़ी, संस्कृत पीयूषम, अंक जगत, पर्यावरण, गणित ज्ञान, पेटल्स व संस्कृत सुबोध आदि प्राप्त हुई है। छह से आठवीं के लिए कृषि विज्ञान, ज्ञान भारती, संस्कृत भारती व इंग्लिश रीडर आदि ही आई हैं।