कई सालों से सत्यापन के लिए पड़े हैं सैकड़ों शिक्षकों के प्रमाणपत्र

 लखीमपुर खीरी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विभाग में नौकरी कर रहे सैकड़ों शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्र आज भी सत्यापन की राह देख रहे हैं। सत्यापन न होने की वजह से शिक्षक परेशान दिखाई दे रहे हैं।


विभाग में ज्वानिंग के समय ही शिक्षकों के अंकपत्र और प्रमाणपत्र जमा करा लिए जाते हैं। विभाग कागजों को सत्यापन के लिए बोर्ड और विश्विद्यालय भेजता है जहां से सत्यापन होने के बाद ही हकीकत का पता लग पाता है। कई बार ऐसे खुलासे हुए हैं कि प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए और शिक्षक कई सालों तक विभाग में सेवाएं देता रहा। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए विभाग जल्द से जल्द कागजों का सत्यापन हो सके, इसको लेकर विभागीय कार्रवाई शुरू कर देता है।

बताया जा रहा है कि बीएसए कार्यालय से भी सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों के कागजात बोर्ड और यूनीवर्सिटी भेजे गए हैं लेकिन अभी तक उन प्रमाणपत्रों का सत्यापन नहीं कराया जा सका है। बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पाण्डेय ने बताया कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएड के प्रमाणपत्रों का सत्यापन आसानी के साथ हो जाता है, जबकि यूनीवर्सिटी में इसी काम के लिए लम्बा समय लग जाता है.


कागजों का सत्यापन न होने की दशा में कार्यालय से कई बार पत्राचार भी किया गया है। बता दें कि हाल ही में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पदाधिकारियों ने बीएसए ज्ञापन सौंपकर सत्यापन का कार्य पूरा कराये जाने की मांग की थी। फिलहाल शिक्षकों में काफी रोष देखा जा रहा है।