पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप अगले वर्ष तक
नई दिल्ली। केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि भारत में बनी पहली सेमीकंडक्टर चिप अगले साल दिसंबर तक आ जाएगी। देश में चार-पांच सेमीकंडक्टर संयंत्र एक साल के अंदर स्थापित होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के बाद वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा कि पहली मेड इन इंडिया चिप दिसंबर, 2024 तक आ जाएगी। प्रस्तावित माइक्रॉन सेमीकंडक्टर संयंत्र के लिए गुजरात में भूमि आवंटन, संयंत्र डिजाइन संबंधी समझौता किया जा चुका है।
1. माइक्रॉन
● माइक्रॉन गुजरात में अपना सेमीकंडक्टर असेंबली एवं परीक्षण संयंत्र लगाएगी।
● 2.75 अरब डॉलर का निवेश होगा।
● 5000 कार्यबल की नियुक्त करेगी। अगले पांच साल में 15,000 अतिरिक्त नौकरियां पैदा होंगी।
2. एप्लाइड मैटेरियल्स
एप्लाइड मैटेरियल्स इंक सहयोगी इंजीनियरिंग केंद्र स्थापित करने के लिए 40 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी।
3. लैम रिसर्च
● 60 हजार भारतीय इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने के कार्यक्रम की पहल की है लैम रिसर्च ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में
● 6000 से ज्यादा इंजीनियरों को प्रशिक्षित किया जाएगा हर साल सेमीकंडक्टर नैनो टेक्नोलोजी में
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। सरकार का आकलन है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हुए समझौतों से देश में एक लाख नई नौकरियां पैदा हो सकती हैं। समझौतों पर जानकारी देते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि माइक्रॉन, एप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च जैसी कंपनियों की घोषणाएं भारत के प्रौद्योगिकी विकास के रास्ते में मील का पत्थर साबित होंगी।
राजीव चंद्रशेखर ने ये भी कहा कि इनसे आने वाले दिनों में प्रत्यक्ष तौर पर 80 हजार से एक लाख नई नौकरियां पैदा होंगी और अप्रत्यक्ष तौर पर सप्लाई चेन में भी बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा। उन्होंने सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदमों और उससे पैदा होने वाले रोजगार के अवसरों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि आज हम जिस दिशा में जा रहे हैं वहां क्वांटम, एआई, हाई परफॉरमेंस कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर की ही बात हो रही है।