कोरोना संक्रमण की आंच जब भारत में पड़ने लगी, वह छात्रों के लिए परीक्षाओं का काल था। दसवीं, बारहवीं के बाद भविष्य के सपने देखने और बुनने का काल था। लेकिन कोरोना और लॉकडाउन ने सब कुछ बीच में ही रोक दिया। चिंता बड़ी थी। परीक्षा के नतीजों के लिए अभी इंतजार हो रहा है, लेकिन अच्छी बात यह हुई कि पढ़ाई नहीं रुकी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इसे सुनिश्चित किया। दैनिक जागरण के संपादक मंडल के साथ निशंक ने नई शिक्षा नीति, भविष्य के रोडमैप को लेकर बातचीत की। प्रस्तुत है एक अंश :