समायोजन रद्द किए जाने के
विरोध में बुधवार को डायट से कैंडल मार्च निकालते शिक्षामित्र, कैंडल मार्च
निकालकर सभी तहसील मुख्यालयों पर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा
इलाहाबाद। प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के शिकार
शिक्षामित्रों की गलत फहमी दूर नहीं हो रही है। हाईकोर्ट की ओर से
शिक्षामित्रों के समायोजन को निरस्त किए जाने को केंद्र सरकार एवं एनसीटीई
की गलती बताकर शिक्षामित्र लगातार हमलावर रवैया अपनाए हुए हैं।
वह प्रदेश
सरकार के सुर में सुर मिलाकर कोर्ट को भी अपने साथ हुए अन्याय के लिए दोषी
बता रहे हैं। बुधवार को शिक्षामित्रों ने डायट से सुभाष चौराहा तक कैंडल
मार्च निकालकर शक्ति दिखाने के साथ दिवंगत साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित
की।
कैंडल मार्च में शामिल शिक्षामित्रों ने केंद्र सरकार एवं
एनसीटीई से नियमों में छूट देने की मांग की। शिक्षामित्रों ने उन राज्यों
का उल्लेख भी किया जहां शिक्षामित्रों को समायोजन किया गया है, जबकि उन
राज्यों के बारे में बोलने से मना कर दिया जहां शिक्षामित्रों के समायोजन
को निरस्त कर दिया गया। कैंडल मार्च के दौरान उत्तर प्रदेश प्राथमिक
शिक्षामित्र संघ एवं आदर्श वेलफेयर शिक्षामित्र एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष
द्वय वसीम अहमद एवं अश्वनी त्रिपाठी सहित मीडिया प्रभारी संतोष शुक्ल एवं
उपाध्यक्ष सुनील तिवारी सहित बड़ी संख्या में शिक्षामित्र मौजूद रहे। इससे
पहले दिन में शिक्षामित्रों ने जिले के सभी तहसील मुख्यालयों पर समायोजन
निरस्त करने को लेकर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए एसडीएम को
प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। शिक्षामित्र संयुक्त मोर्चा के मनीष
पांडेय, अमर बहादुर, नौशाद अहमद ने बताया कि शिक्षामित्रों का परिवार सड़क
पर आ गया है।
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