इलाहाबाद। यूपी में 4010 दरोगाओं की भर्ती प्रक्रिया में शामिल 3469
अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी खबर है। हाईकोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया पर
लगी रोक हटाते हुए चयनित अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण के लिए भेजने का निर्देश
दिया है। इस आदेश से इनकी तैनाती का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट ने कुल
चयनित 3784 में 315 अभ्यर्थियों को छोड़कर शेष सभी को प्रशिक्षण के लिए
भेजने का निर्देश दिया है। 315 ऐसे अभ्यर्थी हैं जिनको गलत तरीके से
क्षैतिज आरक्षण देने का आरोप है। अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।
आशीष और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर ने दिया। याचियों के अधिवक्ता सीमांत सिंह और 315 अभ्यर्थियों के अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी, विभू राय ने पक्ष रखा। याचिका में कहा गया है कि भर्ती प्रक्रिया में महिलाओं, पूर्व सैनिकों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रितों को मिलने वाला क्षैतिज आरक्षण गलत तरीके से लागू किया गया।
इनको सामान्य की अनारक्षित सीटों पर नियुक्ति दे दी गई जिससे सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को नुकसान हुआ है। नियमानुसार इनको आरक्षित वर्ग के भीतर ही आरक्षण मिलना चाहिए।
प्रदेश सरकार के अधिवक्ता ने इस पर सहमति जताई कि क्षैतिज आरक्षण का लाभ पाने वाले अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित कोटे में सीटें रिजर्व की जाएंगी। 315 अभ्यर्थियों की ओर से अपने कोटे की सीटें रिजर्व रखने की मांग की गई जिसे प्रदेश सरकार ने स्वीकार कर लिया है।
कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है कि वह 315 अभ्यर्थियों को किस प्रकार से आरक्षित कोटे में समायोजित करेंगे।
याचिका पर तीन सप्ताह के बाद सुनवाई होगी।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
आशीष और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर ने दिया। याचियों के अधिवक्ता सीमांत सिंह और 315 अभ्यर्थियों के अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी, विभू राय ने पक्ष रखा। याचिका में कहा गया है कि भर्ती प्रक्रिया में महिलाओं, पूर्व सैनिकों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रितों को मिलने वाला क्षैतिज आरक्षण गलत तरीके से लागू किया गया।
इनको सामान्य की अनारक्षित सीटों पर नियुक्ति दे दी गई जिससे सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को नुकसान हुआ है। नियमानुसार इनको आरक्षित वर्ग के भीतर ही आरक्षण मिलना चाहिए।
प्रदेश सरकार के अधिवक्ता ने इस पर सहमति जताई कि क्षैतिज आरक्षण का लाभ पाने वाले अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित कोटे में सीटें रिजर्व की जाएंगी। 315 अभ्यर्थियों की ओर से अपने कोटे की सीटें रिजर्व रखने की मांग की गई जिसे प्रदेश सरकार ने स्वीकार कर लिया है।
कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है कि वह 315 अभ्यर्थियों को किस प्रकार से आरक्षित कोटे में समायोजित करेंगे।
याचिका पर तीन सप्ताह के बाद सुनवाई होगी।
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