बीएसए दफ्तर में अनशन दूसरे दिन भी जारी, प्राथमिक शिक्षक संघ ने दिया समर्थन
संवादसूत्र, सुलतानपुर : बहाली के लिए बीटीसी पास नवनियुक्त शिक्षक अब आरपार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं। मंगलवार से बीएसए दफ्तर में सैकड़ों शिक्षकों ने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है। दफ्तर के बरामदे में ही रात को सोए भी। बुधवार को आंदोलन ने और गति पकड़ ली।
प्राथमिक शिक्षक संघ के भी पदाधिकारियों ने आंदोलन को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है।
296 अभ्यर्थियों को बीएसए रमेश यादव ने 9 नवंबर को नियुक्ति पत्र जारी कर दिया था। चौबीस घंटे भी नहीं बीते थे कि दस नवंबर को नियुक्ति पत्र पर क्रियान्वयन उन्होंने स्थगित करने का भी आदेश जारी कर दिया। फिर माह भर भी नहीं बीता था कि 14 दिसंबर को नियुक्ति पत्र निरस्त कर दिया गया। इस पर नियुक्ति पत्र पाने वाले नवनियुक्त शिक्षकों ने उच्च न्यायालय की शरण ली। 12 व 14 जनवरी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने नियुक्ति बहाल करते हुए बीएसए द्वारा दस नवंबर व 14 दिसंबर का आदेश स्थगित कर दिया। इसी क्रम में उच्च न्यायालय द्वारा प्राप्त आदेश की प्रति व प्रत्यावेदन के साथ अभ्यर्थियों ने प्रभारी बीएसए ओंकार सिंह से तेरह जनवरी को भेंट की। आंदोलनकारियों का कहना है कि प्रभारी बीएसए सिंह ने मौखिक रूप से उन्हें नियुक्ति पत्र बहाल करने का आश्वासन दिया और 18 जनवरी को वार्ता के लिए बुलाया था। लेकिन 18 जनवरी को पता चला कि बीएसए बाहर गए हुए हैं। फिर मंगलवार को पुन:बुलाया गया। परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई। तभी से आंदोलन शुरू हो गया। 296 में से दर्जनों शिक्षक आंदोलन की राह पर हैं।
बीएसए दफ्तर में रजाई-गद्दा बिछाकर वहीं पर रात भर जमे रहे। दिनभर नारेबाजी और भाषणबाजी होती रही। आंदोलन के अगुवा राहुल तिवारी ने कहाकि हम न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। अदालत के आदेश का सही क्रियान्वयन हो, जिससे हमें न्याय मिल सके। उन्होंने विभागीय कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। कहाकि जब हमारी मांगे पूरी नहीं होगी, ये आंदोलन जारी रहेगा।
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संवादसूत्र, सुलतानपुर : बहाली के लिए बीटीसी पास नवनियुक्त शिक्षक अब आरपार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं। मंगलवार से बीएसए दफ्तर में सैकड़ों शिक्षकों ने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है। दफ्तर के बरामदे में ही रात को सोए भी। बुधवार को आंदोलन ने और गति पकड़ ली।
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296 अभ्यर्थियों को बीएसए रमेश यादव ने 9 नवंबर को नियुक्ति पत्र जारी कर दिया था। चौबीस घंटे भी नहीं बीते थे कि दस नवंबर को नियुक्ति पत्र पर क्रियान्वयन उन्होंने स्थगित करने का भी आदेश जारी कर दिया। फिर माह भर भी नहीं बीता था कि 14 दिसंबर को नियुक्ति पत्र निरस्त कर दिया गया। इस पर नियुक्ति पत्र पाने वाले नवनियुक्त शिक्षकों ने उच्च न्यायालय की शरण ली। 12 व 14 जनवरी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने नियुक्ति बहाल करते हुए बीएसए द्वारा दस नवंबर व 14 दिसंबर का आदेश स्थगित कर दिया। इसी क्रम में उच्च न्यायालय द्वारा प्राप्त आदेश की प्रति व प्रत्यावेदन के साथ अभ्यर्थियों ने प्रभारी बीएसए ओंकार सिंह से तेरह जनवरी को भेंट की। आंदोलनकारियों का कहना है कि प्रभारी बीएसए सिंह ने मौखिक रूप से उन्हें नियुक्ति पत्र बहाल करने का आश्वासन दिया और 18 जनवरी को वार्ता के लिए बुलाया था। लेकिन 18 जनवरी को पता चला कि बीएसए बाहर गए हुए हैं। फिर मंगलवार को पुन:बुलाया गया। परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई। तभी से आंदोलन शुरू हो गया। 296 में से दर्जनों शिक्षक आंदोलन की राह पर हैं।
बीएसए दफ्तर में रजाई-गद्दा बिछाकर वहीं पर रात भर जमे रहे। दिनभर नारेबाजी और भाषणबाजी होती रही। आंदोलन के अगुवा राहुल तिवारी ने कहाकि हम न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। अदालत के आदेश का सही क्रियान्वयन हो, जिससे हमें न्याय मिल सके। उन्होंने विभागीय कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। कहाकि जब हमारी मांगे पूरी नहीं होगी, ये आंदोलन जारी रहेगा।
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