सातवां वेतन आयोग में 24,000 हो सकता है न्यूनतम वेतन, जुलाई से मिलेगा भुगतान

नई दिल्ली: केंद्र सरकार एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है जो कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन से जुड़ा है। अगर केंद्र सरकार ने इसपर अंतिम मुहर लगाई तो कर्मचारियों का न्यूनतम मासिक वेतन 24 हजार रुपए हो जाएगा।
हाल ही में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र प्रसाद की भारतीय मजदूर संघ, कर्मियों और प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बातचीत में उन्होंने इस बात का भरोसा दिया कि सरकार इस मसले पर विचार कर रही है।


रीजनल ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री पवन कुमार ने जी मीडिया से बातचीत में कहा- 'मंत्री जी ने कहा है कि सरकार कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन 24000 की मांग पर विचार कर रही है'। भारतीय मजदूर संघ भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय श्रमिक संगठन है जो देशभर में अपने एक करोड़ सदस्यों के होने का दावा करता है। यूनियन ने एचएआरए (आवासीय भत्ता) में भी बदलाव कर उसे बढ़ाने की मांग की है।


गौर हो कि केंद्र सरकार से सातवें वेतन आयोग ने सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कर्मचारियों के वेतन और भत्ते 23.55 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश की थी और सैनिकों की तर्ज पर असैन्य कर्मचारियों के लिए भी ‘वन रैंक - वन पेंशन’ की व्यवस्था लागू करने की सिफारिश की थी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपी गई वेतन आयोग की रिपोर्ट में मौजूदा कमर्चारियों के मूल वेतन में 16%, भत्तों में 63% और पेंशन में 24% इजाफे की सिफारिश की गई थी। न्यायमूर्ति एके माथुर की अगुवाई वाले इस सातवें वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार और अधिकतम 2.25 लाख रुपये तय करने की सिफारिश की थी। इसके अलावा आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में सालाना तीन फीसदी वृद्धि की भी सिफारिश की है।

छठा वेतन आयोग 1 जनवरी, 2006 से लागू हुआ था और माना जा रहा है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू होंगी यानी कर्मचारियों को एरियर एक जनवरी 2016 से मिलेगा। आमतौर पर राज्यों द्वारा भी कुछ संशोधनों के साथ इन्हें अपनाया जाता है। एक महत्वपूर्ण सिफारिश में आयोग ने ग्रैच्युटी निर्धारण में अधिकतम वेतन की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी है और जब कभी महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत तक बढ़ेगा, तो वेतन की अधिकतम सीमा में 25 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।
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