नए सिरे से वोटर बनाने में शिक्षक नेताओं को करनी होगी मशक्कत, निर्वाचन की बढ़ी तारीख

इलाहाबाद-झांसी खंड शिक्षक निर्वाचन की तारीख क्या बढ़ी, नेताओं के सामने मुसीबत ही आ गई है। महीनों तक मशक्कत करके उन्होंने जो वोटर बनाए थे, उसकी सूची निरस्त होने से सारी तैयारी नए सिरे से शुरू करनी पड़ रही है।
इसके चलते नेताओं को स्कूलों की दौड़ लगाकर शिक्षकों से सदस्य बनने की मान-मनौव्वल करनी पड़ रही है। मौके की नजाकत को भांपकर शिक्षक भी उन्हें अपनी अहमियत का एहसास कराने से नहीं चूक रहे।
1इलाहाबाद-झांसी खंड शिक्षक चुनाव पहले अक्टूबर के अंत या नवंबर के प्रथम पखवारे में होना था। इसको लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट, चेतनारायण गुट, ठकुराई गुट सहित वित्तविहीन शिक्षक संगठनों ने जोर-शोर से तैयारी की। शिक्षक सम्मेलन कराने के साथ हजारों शिक्षकों को वोटर बनाया। इधर किसी ने चुनाव आयोग से शिकायत कर दी कि वोटर लिस्ट में भारी गड़बड़ी है। शिक्षक के साथ तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी वोटर बनाए गए हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा। कोर्ट के आदेश पर चुनाव आयोग ने पहले की वोटर लिस्ट निरस्त तो कर ही दी, साथ ही नए सिरे से वोटर बनाने का आदेश दे दिया। यह आदेश उत्तर प्रदेश के साथ महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान सहित कई प्रदेशों में लागू है। यूपी में वोटर की अंतिम सूची 30 दिसंबर को जारी होगी, जिसके बाद चुनाव होगा। यही कवायद नेताओं की परेशानी का सबब बन चुकी है। 1उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के प्रांतीय सदस्य डॉ. शैलेश पांडेय का कहना है कि नए सिरे से सारी कवायद करने से थोड़ी दिक्कत आ रही है लेकिन हम परेशान नहीं हैं। कहा कि सुरेश त्रिपाठी के लिए हर शिक्षक स्वयं काम कर रहे हैं, जिससे हमारा काम आसान हो गया है। ठकुराई गुट के प्रदेश उपाध्यक्ष मुहर्रम अली कहते हैं कि चुनाव आगे खिसकने से सबको दिक्कत हुई है, लेकिन हम हताश व निराश नहीं हैं। चेतनारायण गुट के प्रदेश उपाध्यक्ष रामसेवक त्रिपाठी का कहना है कि नए वोटर बनाने में हम सबसे आगे हैं। वहीं वित्तविहीन शिक्षक नेता विद्याधर द्विवेदी कहते हैं हम पहले भी आगे थे और आज भी हैं। समय बढ़ने से हमें और काम करने का मौका मिल गया।

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