आज आप सभी को बेशिक शिक्षा नियमावली 1981 के 12 ,15 ,16 और 19 वा कि कहानी बताने जा रहे है।
बहुत साथियो को यही नहीं पता कि ये नियमावली होती क्या है। उत्तर प्रदेश में पहले प्रथामिक विद्यालय पंचायतो और नगर पालिका के अंतर्गत थे किंतु 1972 में सरकार ने बेशिक शिक्षा अधिनियम बना दिया जिसके बाद सभी स्कूल सरकार के अधिनियम के दायरे में आ गए ।
1995 में ncte का गठन केंद्र सरकार ने संसद द्वारा कर दिया और देश के सभी राज्यो के शिक्षकों कि न्यूनतम योग्यता तय करने का अधिकार ncte को मिल गया है।
जब से ncte का जन्म हुआ विवादों का भी जन्म हो गया ।
Rte act 2010 में लागू हो गया जिसने धारा 23 के द्वारा ये बताया कि आध्यपको कि न्यूनतम योग्यता और अन्य शर्ते क्या होंगी।
उत्तर प्रदेश में 11 जुलाई 2011 को rte act लागू हुआ जिसके बाद आज तक जितने भी आध्यपक नियुकित हुए है वो सभी सुप्रीम कोर्ट कि शरण में है।
Rte act लागू होने के बाद तत्कालीन मायावती सरकार ने 1981 नियमावली में 12 वा संसोधन कर दिया और उसी के आधार पे 72825 टेट मेरिट पे आध्यपको कि भर्ती करने का आदेश नवम्बर 2011 में कर दिया।
विज्ञापन सचिव द्वारा निकालने के कारण हाइकोर्ट ने स्ते कर दिया और आचार संहिता लग गयी।
चुनाव में मायावती सरकार हार गई और सपा सरकार सत्ता में आ गयी।
इधर टेट 2011 में धांधली के आरोप में संजय मोहन जेल चले गए ।
सपा सरकार ने highpower कमेटी बनाई जिसकी रिपोर्ट के आधार पे 12 वे संसोधन को सरकार ने कैबिनेट के द्वारा रद्द कर दिया और 15 वा बना के एकेडमिक मेरिट पे 72825 बीएड वालो कि भर्ती 2012 में निकाल दी जिसके विरोध में 2011 वाले लड़के हाइकोर्ट चले गए और हाइकोर्ट ने नए विज्ञापन पे स्ते कर दिया जिससे पूरी प्रक्रिया रुक गयी और फुल बेंच मे केस को ट्रांसफर कर दिया।
इधर सरकार सत्ता के नशे में कोर्ट द्वारा स्ते होने के बाद भी 15 वे संसोधन पे जूनियर स्कूलों में 29229 विज्ञानं शिक्षको कि भर्ती का विज्ञापन निकाल दिया ।
फुल बेंच ने 15 वा को अल्ट्रा वायरस करते हुए 12 वे को बहाल किया और सरकार को टेट मेरिट से भर्ती करने का आदेश दिया किन्तु सरकार तब भी ना मानी और सुप्रीम कोर्ट चली गयी किन्तु वहा भी राहत ना मिली और जज hl दत्तू ने अंतरिम आदेश देते हुए टेट मेरिट पे भर्ती करने का आदेस दिया और बाद में दत्तू जी के cj बनने के बाद यह केस दीपक मिश्रा जी कि बेंच में आ गया और मिश्रा जी हर डेट पे सर्विस रूल की अनदेखी करते हुए रोज नए नए अंतरिम आदेश पारित करते चले गए जो केस आज भी चल रहा है।
इधर हाइकोर्ट इलहाबाद में 29229 विज्ञानं शिक्षको का केस जज सुधीर अग्रवाल कि बेंच मे चल रहा था और सरकार वे संसोधन पे भर्ती पे भर्ती करती चली गयी।
जज सुधीर अग्रवाल ने 15 वे को रद्द करते हुए 16 वा बना दिया जिसके बाद मामला और उलझ गया ।
इतना सब कुछ होने के बाद भी सपा सरकार अपने कामो से बाज ना आते हुए 2014 लोकसभा चुनाव में हार होने के बाद नियमावली में 19 वा संसोधन करते हुए बिना टेट के शिक्षामित्रो के समायोजन का आदेश दे देती है और समायोजन पे समायोजन कर डालती है।
करीब 1 लाख 35 हजार लोगो को बिना टेट के सहायक आद्यपक बना देती है।
6 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने बिना टेट पास लोगो को आद्यपक बनने पे रोक लगा दी और 27 जुलाई को हाइकोर्ट को फुल बेंच बनाने का निर्देश देती है।
7 दिसम्बर के स्ते के आधार पे समायोजित वेतन पा रहे है किंतु अवशेष आज भी 6 जुलाई के आदेश के कारण अवशेष ही है।
उधर सरकार ने तथ्यों को छिपाते हुए दूसरी बेंच से 29229 विज्ञानं शिक्षको को नियुकित का आदेश दे देती है।
सितम्बर 2015 में इनको नियुकित मिल जाती है।
30 नवम्बर 2016 को हाइकोर्ट इलहाबाद में cj बेंच ने पुनः 15 व 16 वा संसोधन रद्द कर दिया और इस संसोधन पे हुई नियुकित को सुप्रीम कोर्ट के आदेश आधीन कर दी क्योकि वहाँ पहले से इस सम्बन्ध में केस चल रहा है।
RTe लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश में 1981 नियमावली के सभी संसोधन रद्द हो चुके है।
12 वा सरकार ने रद्द किया।
15 व 16 वा हाइकोर्ट कि फुल बेंच और cj बेंच ने रद्द किया।
19 वा को तीन जजों कि फुल बेंच ने रद्द कर
अब सभी सुप्रीम कोर्ट कि शरण में है ।
7 दिसम्बर को शिक्षामित्रो के केस में आदेश होने कि उम्मीद है।
6 फरवरी को 15 व 16 वा पे डेट लगी है ।
22 फरवरी सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि उस दिन सभी कि सुनवाई होनी तय हुई है।
क्या होगा वक्त बताएगा।
इस लिए धैर्य रखिये और फिल्म का आनंद लेते रहिये।
धन्यवाद।।
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
बहुत साथियो को यही नहीं पता कि ये नियमावली होती क्या है। उत्तर प्रदेश में पहले प्रथामिक विद्यालय पंचायतो और नगर पालिका के अंतर्गत थे किंतु 1972 में सरकार ने बेशिक शिक्षा अधिनियम बना दिया जिसके बाद सभी स्कूल सरकार के अधिनियम के दायरे में आ गए ।
- NCTE का बिन्दुवार TET का स्पस्टीकरण
- कोई संदेह नहीं की टेट मेरिट अजर अमर , याचियों की नौकरी पाने की राह और आसान :Ganesh Dixit
- जूनियर भर्ती फ़ैसला अपडेट : मानक व् न्यूनतम योग्यता रखने वाले सभी बीएड/टेट पास साथी निश्चितं रहें : मयंक तिवारी
- मुद्दे जिनका निस्तारण सर्वोच्च अदालत करेगी
- विश्लेषण : जूनियर की स्पेशल अपील का आदेश , 72825 के लिए अब लड़ाई और कठिन
- इलाहबाद हाई कोर्ट का आर्डर अकादमिक भर्ती के विषय में आ गया है, देखें
1995 में ncte का गठन केंद्र सरकार ने संसद द्वारा कर दिया और देश के सभी राज्यो के शिक्षकों कि न्यूनतम योग्यता तय करने का अधिकार ncte को मिल गया है।
जब से ncte का जन्म हुआ विवादों का भी जन्म हो गया ।
Rte act 2010 में लागू हो गया जिसने धारा 23 के द्वारा ये बताया कि आध्यपको कि न्यूनतम योग्यता और अन्य शर्ते क्या होंगी।
उत्तर प्रदेश में 11 जुलाई 2011 को rte act लागू हुआ जिसके बाद आज तक जितने भी आध्यपक नियुकित हुए है वो सभी सुप्रीम कोर्ट कि शरण में है।
Rte act लागू होने के बाद तत्कालीन मायावती सरकार ने 1981 नियमावली में 12 वा संसोधन कर दिया और उसी के आधार पे 72825 टेट मेरिट पे आध्यपको कि भर्ती करने का आदेश नवम्बर 2011 में कर दिया।
विज्ञापन सचिव द्वारा निकालने के कारण हाइकोर्ट ने स्ते कर दिया और आचार संहिता लग गयी।
चुनाव में मायावती सरकार हार गई और सपा सरकार सत्ता में आ गयी।
इधर टेट 2011 में धांधली के आरोप में संजय मोहन जेल चले गए ।
सपा सरकार ने highpower कमेटी बनाई जिसकी रिपोर्ट के आधार पे 12 वे संसोधन को सरकार ने कैबिनेट के द्वारा रद्द कर दिया और 15 वा बना के एकेडमिक मेरिट पे 72825 बीएड वालो कि भर्ती 2012 में निकाल दी जिसके विरोध में 2011 वाले लड़के हाइकोर्ट चले गए और हाइकोर्ट ने नए विज्ञापन पे स्ते कर दिया जिससे पूरी प्रक्रिया रुक गयी और फुल बेंच मे केस को ट्रांसफर कर दिया।
इधर सरकार सत्ता के नशे में कोर्ट द्वारा स्ते होने के बाद भी 15 वे संसोधन पे जूनियर स्कूलों में 29229 विज्ञानं शिक्षको कि भर्ती का विज्ञापन निकाल दिया ।
फुल बेंच ने 15 वा को अल्ट्रा वायरस करते हुए 12 वे को बहाल किया और सरकार को टेट मेरिट से भर्ती करने का आदेश दिया किन्तु सरकार तब भी ना मानी और सुप्रीम कोर्ट चली गयी किन्तु वहा भी राहत ना मिली और जज hl दत्तू ने अंतरिम आदेश देते हुए टेट मेरिट पे भर्ती करने का आदेस दिया और बाद में दत्तू जी के cj बनने के बाद यह केस दीपक मिश्रा जी कि बेंच में आ गया और मिश्रा जी हर डेट पे सर्विस रूल की अनदेखी करते हुए रोज नए नए अंतरिम आदेश पारित करते चले गए जो केस आज भी चल रहा है।
इधर हाइकोर्ट इलहाबाद में 29229 विज्ञानं शिक्षको का केस जज सुधीर अग्रवाल कि बेंच मे चल रहा था और सरकार वे संसोधन पे भर्ती पे भर्ती करती चली गयी।
जज सुधीर अग्रवाल ने 15 वे को रद्द करते हुए 16 वा बना दिया जिसके बाद मामला और उलझ गया ।
इतना सब कुछ होने के बाद भी सपा सरकार अपने कामो से बाज ना आते हुए 2014 लोकसभा चुनाव में हार होने के बाद नियमावली में 19 वा संसोधन करते हुए बिना टेट के शिक्षामित्रो के समायोजन का आदेश दे देती है और समायोजन पे समायोजन कर डालती है।
करीब 1 लाख 35 हजार लोगो को बिना टेट के सहायक आद्यपक बना देती है।
6 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने बिना टेट पास लोगो को आद्यपक बनने पे रोक लगा दी और 27 जुलाई को हाइकोर्ट को फुल बेंच बनाने का निर्देश देती है।
- जूनियर की सुनवाई के कुछ खास अंश
- टेट में कम नंबर पाने वाला भी टेट मेरिट का समर्थन क्यों करते है
- उच्च न्यायालय का आज जूनियर भर्ती 29334 का आदेश
- अभी तक जितना कुछ हो रहा है वो सब टेट 2011 के याचीवो के पक्ष मे
- सुधीर अग्रवाल जी का 16 रद्द का ऑर्डर अभी मान्य नहीं , मिशन सुप्रीम कोर्ट के लिए तैयार
7 दिसम्बर के स्ते के आधार पे समायोजित वेतन पा रहे है किंतु अवशेष आज भी 6 जुलाई के आदेश के कारण अवशेष ही है।
उधर सरकार ने तथ्यों को छिपाते हुए दूसरी बेंच से 29229 विज्ञानं शिक्षको को नियुकित का आदेश दे देती है।
सितम्बर 2015 में इनको नियुकित मिल जाती है।
30 नवम्बर 2016 को हाइकोर्ट इलहाबाद में cj बेंच ने पुनः 15 व 16 वा संसोधन रद्द कर दिया और इस संसोधन पे हुई नियुकित को सुप्रीम कोर्ट के आदेश आधीन कर दी क्योकि वहाँ पहले से इस सम्बन्ध में केस चल रहा है।
RTe लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश में 1981 नियमावली के सभी संसोधन रद्द हो चुके है।
12 वा सरकार ने रद्द किया।
15 व 16 वा हाइकोर्ट कि फुल बेंच और cj बेंच ने रद्द किया।
19 वा को तीन जजों कि फुल बेंच ने रद्द कर
अब सभी सुप्रीम कोर्ट कि शरण में है ।
7 दिसम्बर को शिक्षामित्रो के केस में आदेश होने कि उम्मीद है।
6 फरवरी को 15 व 16 वा पे डेट लगी है ।
22 फरवरी सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि उस दिन सभी कि सुनवाई होनी तय हुई है।
क्या होगा वक्त बताएगा।
इस लिए धैर्य रखिये और फिल्म का आनंद लेते रहिये।
धन्यवाद।।
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