72,825 भर्ती की अगली सुनवाई ठीक दो महीने बाद है यानी 22 फरवरी को

मा० सुप्रीम कोर्ट में 72,825 भर्ती की अगली सुनवाई ठीक दो महीने बाद है यानी 22 फरवरी को। अब इस सुनवाई को 72,825 की सुनवाई कहें तो बेमानी होगा, अब ये सुनवाई सपा सरकार की अब तक की समस्त भर्तियों की सुनवाई से संबोधित होगी।
एक समय था जब ये सुनवाई टेट मेरिट और एकेडमिक मेरिट तक सीमित थी, उसके बाद शिक्षामित्र केस और अब समस्त बीटीसी और जूनियर भर्ती का केस भी जुड़ गया है।
जो जज पहले से ही कन्फ्यूज है, थोड़ी सी भीड़ देखकर अपना नियंत्रण खो देता है, कभी कोर्ट में भूकंप ला देता है, कभी किसी भर्ती को बाधित करने के लिये बार-बार क्राईटेरिया लगाता है, जिसे मजलूम बेरोजगारों की आह सुनाई नहीं देती, ऐसे जज से ये उम्मीद करना बेकार है कि वो कोई न्यायसंगत फैसला कर सके। जब सिक्षामित्रो से लेकर बीटीसी और बी० एड० वालों के वकीलों की फौज खड़ी होगी, तो उस समय ऐसा जज या तो कोर्ट रूम छोड़कर भाग जायेगा या फिर कोर्ट रूम की दीवार पर अपना सर पटक कर आत्महत्या कर लेगा। क्योंकि पहले की तुलना में अब वकीलों की संख्या भी अधिक होगी और बेरोजगारों की भीड़ भी।
अब फैसला होगा तो किस के हित में होगा ये निर्भर करेगा कि उक्त वकीलों की भीड़ में किस पार्टी के वकील की बात जज साहब को जंच जाये, इसके लिये ये तथ्य भी निर्भर करेगा कि उस दिन जज साहब खाकर क्या आये हैं, कहीं मेहरारू की मार खाकर तो नहीं आये ??
यदि ऐसा हुआ तो बहुत सी जिंदिगिंयां खराब हो जायेंगी।
हम तो ईश्वर से यही दुआ करेंगे कि सुनवाई से पहले की रात को जज साहब की मेहरारू को सद्बुद्धि दे, और जज साहब को भीड़ से निबटने का साहस दे।
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