शिक्षकों का मनमाना तबादला कर फंसी सरकार , अलग से हुए तबादले पर कानूनी विवाद तय , जारी होगी तबादले की दूसरी लिस्ट

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के अंतर जनपदीय तबादले में मनमानी पर सरकार फंसती नजर आ रही है।


मुख्यमंत्री के आदेश पर 35 उन शिक्षकों के भी ट्रांसफर कर दिए गए जो निर्धारित शर्तों को पूरा नहीं करते। इनमें से कुछ शिक्षक ऐसे हैं जिनको नौकरी मिले तीन साल भी पूरे नहीं हुए हैं।
✴ 23 जून 2016 को जारी अंतर जनपदीय तबादला नीति की पहली शर्त यही थी कि जनपद में प्रथम नियुक्ति तिथि से 31 मार्च 2016 तक तीन साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षकों का ही ट्रांसफर होगा। लेकिन शासन ने सात दिसंबर को 35 शिक्षकों का अलग से तबादला कर दिया। ट्रांसफर आर्डर सचिव संजय सिन्हा के हस्ताक्षर से 10 दिसंबर को जारी किया गया।
✴ इसमें कई शिक्षक ऐसे हैं जो तीन साल की सेवा शर्त पूरी नहीं करते। इनमें से कुछ शिक्षक प्राथमिक स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती और उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान व गणित विषय के 29,334 सहायक अध्यापक भर्ती में नियुक्ति पाए हैं। सूत्रों के अनुसार 96 शिक्षकों की एक और लिस्ट शासन ने अलग से तैयार की है।
✴ अलग से हुए तबादले पर कानूनी विवाद तय
इलाहाबाद। शासन के आदेश पर किए गए 35 शिक्षकों के अंतर जनपदीय तबादले पर कानूनी विवाद होना तय है। दरअसल सैकड़ों ऐसे शिक्षकों ने अंतर जनपदीय तबादले के लिए आवेदन किया था जो गंभीर रूप से बीमार था या दूसरी पारिवारिक समस्या थी। लेकिन तीन साल की सेवा शर्त पूरी नहीं करने के कारण उनके आवेदन निरस्त कर दिए गए। अब जब सरकार ने खुद कायदे-कानून दरकिनार करते हुए 35 शिक्षकों के ट्रांसफर कर दिए तो उन शिक्षकों का हाईकोर्ट जाना तय है जिनके आवेदन इसी आधार पर निरस्त किए गए थे।
✴अंतर जनपदीय तबादले की दूसरी लिस्ट जारी होगी✴
✴ परिषदीय स्कूल के शिक्षकों के अंतर जनपदीय तबादले की एक और लिस्ट जारी होगी। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार ने दूसरी लिस्ट जारी करने की अनुमति दे दी है। सरकार का आदेश बेसिक शिक्षा परिषद को सोमवार को प्राप्त हो गया। माना जा रहा है कि इसी सप्ताह दूसरी लिस्ट जारी हो जाएगी। गौरतलब है कि 21 अगस्त को 15078 शिक्षकों का अंतर जनपदीय तबादला किया गया था।
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