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टीईटी केस: पढें 30 जनवरी 2018 का ऑर्डर: आज लखनऊ पीठ में जस्टिस विवेक चौधरी जी की बेंच में टेट 2017 के विरुद्ध हुई सुनवाई का ऑर्डर

*टेट केस:आर्डर विश्लेषण*
🔜30 जनवरी 2018
आज लखनऊ पीठ में जस्टिस विवेक चौधरी जी की बेंच में टेट 2017 के विरुद्ध अचंभित सुनवाई हुई। कोर्ट ने प्रोसीडिंग में लिखा....


The main challenge in these petitions is regarding answers key and it is submitted that on certain answers the Answer-Key is incorrect, and therefore, entire process is incorrect. Further, it is also argued that design slab and out of syllabus/subjects questions were also put and considered in the examination.
An objection is raised by the learned standing counsel that these matters are not service matters. It is only pre-qualification test and thereafter, a written examination is further required to be taken which is not advertised in January 17/23, 2018.
Some of the petitioners point out that even the said examination is also challenged in some of the writ petitions and hence in view thereof, these matters are service matters.
Learned counsels for petitioners also point out that there is grave urgency as the last date of filling up of next level examination is 5.2.2018.
However, since there is a dispute as to which Court will have the jurisdiction in these matters, it would be appropriate to place the matter before Hon'ble the Senior Judge for nomination of appropriate Bench. The nomination if possible, may be obtained today, looking into the urgency in the matter as detailed above.
Hence put up today, if possible, before Hon'ble Senior Judge for nomination and after nomination, if possible, the matter may be placed before the appropriate Bench tomorrow i.e., 31.1.2018.
*【अर्थात इन याचिकाओ में टेट 2017 में जारी कुछ निश्चित प्रश्नों की आंसर कुंजी गलत है। इसलिए मूल्यांकन की प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण है। आउट ऑफ सिलेबस के प्रश्नों पर भी बहस हुई। सरकार के वकील द्वारा कोर्ट में ये आपत्ति की गई कि यह सर्विस मामला नही है। यह मात्र एक परीक्षा का मामला है। इसके बाद एक और लिखित परीक्षा 17 और 23 जनवरी के शासन के आदेश के आलोक में होगी। याची के वकील ने कहा कि इससे संबंधित कुछ याचिकाओ में परीक्षा को चुनौती का भी आधार है इसलिए ये सर्विस मामला ही है। इसके बाद याची अधिवक्ता द्वारा ये बिंदु बताया गया कि अगले चरण की परीक्षा की अंतिम तिथि 5 फरवरी 2018 है जो कि एक अत्यंत गंभीर आवश्यकता है। अब यहाँ पर ये विवाद की स्थिति है कि इन मामलों को अब कौन सी बेंच निर्णीत करे। अब इन मामलों को उपयुक्त बेंच में नॉमिनेट करने के लिए सीनियर जजों के पास भेजा जाए। मामले की गंभीरता के दृष्टिगत यदि हो सके तो आज ही इसका निर्धारण हो जाये। यदि संभव हो तो आज ही इसके सुने जाने की बेंच गठित होकर इस मामले को 31 जनवरी 2018 को ही सुना जाए।】*
✳ यदि आज की स्थिति देखे तो ये केस सरकार हार रही है। सरकार इसको टलवाने में लगी है। इस केस में सरकार के द्वारा कोई भी ऐसा साक्ष्य ही नही आया जिससे वो केस जीत सके। रोज रोज सरकारी अधिवक्ता नया शिगूफा छोड़ रहा है। *अब हम भी देखते हैं बकरा कब तक बचेगा।* अब बकरा भी हमारा होगा और छुरी भी हमारी होगी। बस उसे हलाल करने का स्थान कोर्ट बताएगी।
हम तो बस इसी आशा में है...
*★हारा वही,जो लड़ा नही।।।*
✍🏼 *वैरागी*💯

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