21वां संशोधन, प्रशिक्षण जिला आवेदन बाध्यता और 68500 सहायक अध्यापक भर्ती

 21वां संशोधन, प्रशिक्षण जिला आवेदन बाध्यता और 68500 1) उत्तरप्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में होगा 21वां संशोधन यह दो बातों से स्पष्ट हो गया। आज सीजे कोर्ट में भर्ती परीक्षा के विरुद्ध दाखिल याचिकाओं की सुनवाई द्वारा भी और आज के लिए गए कैबिनेट निर्णय द्वारा भी।

. 2) आज WRIT C - 3676, 4167, 4168, 5067/2018 सीजे कोर्ट में फ्रेश में लगे थे जिनमें भर्ती परीक्षा को चैलेंज किया गया था। इन सभी मे सरकारी पक्ष ने कहा था कि हम संशोधन करने जा रहे हैं और उसको कोर्ट के सामने स्वयं एडवोकेट जनरल रखेंगे। सभी याचिकाओं को 16 फरवरी 2018 के लिए फ्रेश में ही लगा दिया गया।
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3) सभी याचिकाकर्ता खुश की कटऑफ हट जाएगी भर्ती परीक्षा समाप्त कर दी जाएगी इत्यादि इत्यादि। पर क्या वाकई ऐसा होने वाला है। वेल हमें ऐसा नहीं लगता।
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4) इस संशोधन किए जाने के दो मूल कारण है।
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(i) NCTE द्वारा प्रमाणित सभी डिप्लोमों का नियमावली में जिक्र न होना।
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(ii) प्रशिक्षण जिला आवेदन बाध्यता।
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5) ये दोनों ही मामले केस में उठाये जा चुके हैं पहला वाला मामला निस्तारित हो चुका है लेकिन इस मैटर पर जज्मेन्ट आने से पहले ही सरकार 20वां संशोधन कर चुकी थी बाद में अधिकारियों की फजीहत भी हुई इस पोस्ट को पढिये आपको क्लियर हो जाएगा।

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6) वहीं दूसरे मामले से सम्बंधित लगभग डेढ़ दर्जन याचिकाएं इलाहबाद और लखनऊ में पेंडिंग है, जिनमें जीत मिलनी निश्चित है यानी प्रशिक्षण जिला आवेदन बाध्यता पिछली भर्तियो में भी समाप्त होने वाली है।
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7) कुल मिलाकर 21वां संशोधन में दो बिंदु हैं।
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(क)  किसी भी मनपसंद जनपद में आवेदन
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(ख) NCTE से प्रमाणित सभी कोर्स भर्ती के लिए मान्य।
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8) अब इससे यह असर पड़ेगा कि 68500 में आवेदन की तिथि बढाई जाएगी और आवेदक लगभग 6 लाख हो जाएंगे अधिक भी हो सकते हैं।
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9) एक जिले में आवेदन समाधान नहीं है, ये भी लॉटरी सिस्टम रहेगा प्रतिभाशाली का चयन नहीं हो पायेगा क्योंकि किस जिले में आवेदन करना है इस पर अनिश्चितता रहेगी।
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10) शिक्षामित्रों को 25 भारांक दिए जाने से भर्ती में कटऑफ होना बहुत आवश्यक है।
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11) भर्ती परीक्षा 12 मार्च 2018 से आगे भी बढ़ सकती है क्योंकि मण्डल जनपद इतने सभी परीक्षार्थियों को हैंडल नहीं कर सकते।
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12) अभी केवल प्रस्ताव आया है शासन पर दबाव बनाना होगा कि एक मनपसंद जिले के बजाए सभी जिलों में अभ्यर्थन रहे और 75 जनपदों का प्रीफेरेंस ऑर्डर मांग लिया जाए। जब तक राज्यपाल द्वारा ऑर्डनेन्स नहीं लाया जाता या विधायिका द्वारा यह प्रस्ताव पारित नहीं किया जाता तब तक का हमारे पास समय है। हालांकि 16 फरवरी से पहले ही सरकार संशोधन पब्लिश कर सकती है।
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13) 68500 का शासनादेश भी संशोधित किया जाना है जिसमें भर्ती  1981 नियमावली से 21th अम्मेण्डमेंट, 2018 के साथ होगी। वहीं टेट 2017 का रिजल्ट भी revise हो सकता है।
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14) कुल मिलाकर 68500 अभी लम्बी खीचेंगी और हमें स्टेट लेवल candidature की आवाज उठानी होगी यदि 21th अम्मेण्डमेंट तब भी पारित कर दिया जाता है तो उसको चैलेंज किया जाएगा और स्टेट लेवल मेरिट की मांग की जाएगी।
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15) वहीं आवेदन के लिए यूपी डोमिसाइल को अनिवार्य करने के लिए सरकार के कान खोलने पड़ेंगे। क्या आप शोर मचाने के लिए तैयार हैं?
~AG
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