अब चयन बोर्ड के आखिरी फैसले का इंतजार
टीजीटी-पीजीटी की संशोधित आन्सर की अब तक नहीं जारी
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक और प्रवक्ता पदों के सभी चरणों की परीक्षा पूरे होने के बाद अभ्यर्थिय को अब आखिरी फैसले यानी संशोधित आन्सर की (उत्तर कुंजी) का इंतजार है।
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टीजीटी-पीजीटी की संशोधित आन्सर की अब तक नहीं जारी
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक और प्रवक्ता पदों के सभी चरणों की परीक्षा पूरे होने के बाद अभ्यर्थिय को अब आखिरी फैसले यानी संशोधित आन्सर की (उत्तर कुंजी) का इंतजार है।
बोर्ड ने टीजीटी के
तीनों चरण और पीजीटी के एक चरण की आन्सर की जारी कर दी है लेकिन संशोधित
उत्तर कुंजी अभी तक नहीं जारी हुई है। इससे अभ्यर्थियों में अपने अंकों को
लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति है।
इस बीच चयन बोर्ड को परीक्षा में सवालों को लेकर तमाम आपत्तियों का सामना करना पड़ा है। लगभग सभी विषय में आपत्तियों की भरमार है। इससे इस बात की आशंका बढ़ गई है कि संशोधित उत्तर कुंजी जारी होने के बाद भी विवादों की सिलसिला जारी रहेगा। कई विषयों में दस से लेकर पंद्रह सवालों को लेकर आपत्तियां आई हैं।
यदि अभ्यर्थी सही पाए जाते हैं तो बोर्ड को बैकफुट पर आना पड़ सकता है।
अभी इस बात का फैसला नहीं हुआ है कि गलत सवालों को प्रश्नपत्र से हटाया जाएगा कि उनके समान नंबर सभी अभ्यर्थियों को दिए जाएंगे। आयोग से जुड़े अधिकारियों के अनुसार अभ्यर्थियों की आपत्तियों को विशेषज्ञों के पैनल के सामने रखा जाता है। विशेषज्ञों के चयन का अधिकार बोर्ड के अध्यक्ष को है।
ऐसा हो जाने पर ही सर्वमान्य फैसला लिया जाएगा। वैसे अभी बोर्ड को पीजीटी में इतिहास विषय की परीक्षा दोबारा करानी है। इस विषय में अर्थशास्त्र के प्रश्न पूछे जाने के बाद यह परीक्षा रद करनी पड़ी थी।
इस बीच चयन बोर्ड को परीक्षा में सवालों को लेकर तमाम आपत्तियों का सामना करना पड़ा है। लगभग सभी विषय में आपत्तियों की भरमार है। इससे इस बात की आशंका बढ़ गई है कि संशोधित उत्तर कुंजी जारी होने के बाद भी विवादों की सिलसिला जारी रहेगा। कई विषयों में दस से लेकर पंद्रह सवालों को लेकर आपत्तियां आई हैं।
यदि अभ्यर्थी सही पाए जाते हैं तो बोर्ड को बैकफुट पर आना पड़ सकता है।
अभी इस बात का फैसला नहीं हुआ है कि गलत सवालों को प्रश्नपत्र से हटाया जाएगा कि उनके समान नंबर सभी अभ्यर्थियों को दिए जाएंगे। आयोग से जुड़े अधिकारियों के अनुसार अभ्यर्थियों की आपत्तियों को विशेषज्ञों के पैनल के सामने रखा जाता है। विशेषज्ञों के चयन का अधिकार बोर्ड के अध्यक्ष को है।
ऐसा हो जाने पर ही सर्वमान्य फैसला लिया जाएगा। वैसे अभी बोर्ड को पीजीटी में इतिहास विषय की परीक्षा दोबारा करानी है। इस विषय में अर्थशास्त्र के प्रश्न पूछे जाने के बाद यह परीक्षा रद करनी पड़ी थी।
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