अमरोहा। फर्जी दस्तावेजों से नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों से संबंधित
पत्राचार की गोपनीय फाइल के गायब होने से जांच लंबी खिंच सकती है। इसके
अलावा रिकॉर्ड रूम में गोपनीय फाइलों की जानकारी बाहरी व्यक्ति को कैसे
मिली, इसका जवाब जांच अधिकारी को नहीं मिल रहा है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के दफ्तर के ताले तोड़कर 28 सितंबर की रात फर्जी प्रमाणपत्रों से नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों की तीन फाइल, एक गोपनीय पत्राचार की फाइल गायब कर नियुक्ति प्रभार के रिकार्ड रूम में आग लगा दी गई थी। इसमें विज्ञान गणित के 36 शिक्षकों के मूल अभिलेखों की फाइलें आंशिक रूप से जल गईं थीं। फर्जी शिक्षकों की जो तीन फाइलें गायब हुईं हैं, उनमें बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात तीन शिक्षकों के फर्जीवाड़े की जानकारी थी। इससे पहले कि विभाग आरोपियों के खिलाफ कोई कदम उठा पाता आगजनी की घटना को अंजाम दे दिया गया। फर्जी पाए गए सात शिक्षकों ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के जाली प्रमाण पत्रों से नौकरी हासिल की थी। जांच संबंधी पत्राचार की गोपनीय फाइल की जानकारी संबंधितों के सिवाय किसी को नहीं थी। इससे तीन फाइलों के साथ ही गोपनीय दस्तावेज की यह फाइल गायब होने के पीछे रहस्य और गहरा गया है। आखिर इस फाइल के बारे में आगजनी करने वालों को कैसे पता चला, फिलहाल इस फाइल के गायब होने के बाद जांच में अड़चन आ सकती है। बीएसए गिरवर सिंह ने बताया कि फर्जीवाड़े की चार फाइलें मौजूद हैं। सभी सात में से अधिकांश के समस्त शैक्षिक प्रमाण पत्र एक ही विश्वविद्यालय से संबंधित हैं। जांच संबंधी दस्तावेजों को फिर से जुटाया जा रहा है। बीएसए दफ्तर में सेंधमारी करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। पुलिस के अफसर जांच में जुटे हैं।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के दफ्तर के ताले तोड़कर 28 सितंबर की रात फर्जी प्रमाणपत्रों से नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों की तीन फाइल, एक गोपनीय पत्राचार की फाइल गायब कर नियुक्ति प्रभार के रिकार्ड रूम में आग लगा दी गई थी। इसमें विज्ञान गणित के 36 शिक्षकों के मूल अभिलेखों की फाइलें आंशिक रूप से जल गईं थीं। फर्जी शिक्षकों की जो तीन फाइलें गायब हुईं हैं, उनमें बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात तीन शिक्षकों के फर्जीवाड़े की जानकारी थी। इससे पहले कि विभाग आरोपियों के खिलाफ कोई कदम उठा पाता आगजनी की घटना को अंजाम दे दिया गया। फर्जी पाए गए सात शिक्षकों ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के जाली प्रमाण पत्रों से नौकरी हासिल की थी। जांच संबंधी पत्राचार की गोपनीय फाइल की जानकारी संबंधितों के सिवाय किसी को नहीं थी। इससे तीन फाइलों के साथ ही गोपनीय दस्तावेज की यह फाइल गायब होने के पीछे रहस्य और गहरा गया है। आखिर इस फाइल के बारे में आगजनी करने वालों को कैसे पता चला, फिलहाल इस फाइल के गायब होने के बाद जांच में अड़चन आ सकती है। बीएसए गिरवर सिंह ने बताया कि फर्जीवाड़े की चार फाइलें मौजूद हैं। सभी सात में से अधिकांश के समस्त शैक्षिक प्रमाण पत्र एक ही विश्वविद्यालय से संबंधित हैं। जांच संबंधी दस्तावेजों को फिर से जुटाया जा रहा है। बीएसए दफ्तर में सेंधमारी करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। पुलिस के अफसर जांच में जुटे हैं।
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