बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत 26 हजार से ज्यादा शिक्षामित्रों को जल्द ही सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जाएगा। इस बारे में राज्य सरकार कानून के
विशेषज्ञों की राय ले रही है, ताकि सुप्रीम कोर्ट में केस को देखते हुए कोई
व्यवधान न पैदा हो।
अब तक राज्य सरकार ने 1 लाख 35 हजार 903 शिक्षामित्रों
को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित कर चुकी है, जबकि 26107 शिक्षामित्र
अभी समायोजन का लाभ पाने के इंतज़ार में हैं। इन्होंने बीटीसी प्रशिक्षण
प्राप्त कर लिया है।
12 सितंबर 2015 को हाईकोर्ट ने राज्य
सरकार के समायोजन के फैसले को रद्द किया था, मगर 7 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट
ने हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया। इस पर शासन ने समायोजित
शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक का वेतन देने के आदेश जारी कर दिए। इसके
बाद बाकी शिक्षामित्रों ने भी समायोजन की मांग की जोरदार मांग की।
शिक्षामित्रों का कहना है कि सुप्रीम
कोर्ट से स्टे मिल जाने के बाद जब पूरा वेतन दिया जा सकता है, तो बाकी
शिक्षामित्रों को भी समायोजित करने में कोई दिक्कत नहीं है। शासन के
उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार बाकी बचे शिक्षामित्रों को
समायोजित करने पर भी गंभीरता से विचार कर रही है।
सरकार को कानूनी विशेषज्ञों ने राय दी है
कि हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे ऑर्डर मिल जाने से इन शिक्षामित्रों को
समायोजित करने में कोई दिक्कत नहीं है। जरूरत पड़ने पर इन शिक्षामित्रों के
बाबत रिपोर्ट भी कोर्ट में रखी जा सकती है।
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