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केंद्र से कोई उम्मीद न रखें शिक्षामित्र : 12 सितम्बर के फैसले के बाद जब हमारे साथी तनाव में आकर मौत को गले लगाने लगे उसी दौरान 18 सितम्बर को अखबारों में खबर छपी

9/18/2015 08:12:00 pm वनारस :उम्मीद के मुताबिक ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डीरेका की सभा में शिक्षामित्रों के मामले को उठाया और उन्हें दिलासा भी दी। मोदी ने शिक्षामित्रों से कहा कि हताश होने की जरूरत नहीं है। इस बारे में यूपी सरकार से भी बातचीत हुई है।
सरकार को भी सभी बातें मौखिक ही पता चली हैं। अभी तक कोर्ट के आदेश की कापी नहीं मिली है। कोर्ट का आदेश मिलते ही इस पर चर्चा की जाएगी।
मोदी ने कहा कि एक शिक्षामित्र ने खुदकुशी कर ली है। अभी तो कोर्ट का आर्डर भी नहीं आया है और हम अपने जीवन को संकट में डालेंगे तो समस्या का समाधान नहीं होगा। शिक्षामित्र तो चला जाएगा उसके परिवार का और उसके बच्चों का क्या होगा। शिक्षामित्रों से अनुरोध है कि लड़ाई छोड़नी नहीं चाहिए, हौसला हारना नहीं चाहिए। आत्महत्या का मार्ग नहीं होना चाहिए। एक बार कोर्ट का आर्डर आ जाने दीजिये उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार से बात होगी।"
✍🏼इस के ठीक 3 माह बाद जब लोकसभा में 17 दिसम्बर 2015 को प्रभात झा के प्रश्नकाल के दौरान एमएचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी से ये पूछने पर कि" क्या सरकार शिक्षामित्रों के हित में कोई भूमिका अदा कर रही है या इस दिशा में कोई प्रयास कर रही है" इस पर एमएचआरडी मंत्री का जवाब था कि अनुबंध के आधार पर जो शिक्षक रखे गए हैं वो राज्य की नियुक्ति प्रक्रिया के अधीन आते हैं।
उनको नियुक्त करना और स्थाई करना राज्य की ज़िम्मेदारी है। हमारा काम एसएसए की मद से नियुक्त शिक्षकों के लिए धन उपलब्ध करवाना मात्र है।
✍🏼उपरोक्त जवाब देख कर आप खुद अंदाज़ा लगाइये कि केंद्र सरकार आप को कितना सहयोग कर रही है या करेगी।
शिक्षामित्र मामले में प्रधानमंत्री से लेकर शिक्षामंत्री तक झूठ का पुलिंदा लिए घूम रहे हैं।
जबकि राज्य सरकार ने समायोजन कर दिया है ऐसे में केंद्र के कानून लागू करने की अनिवार्यता क्या दर्शाती है?
राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी है कह देने से क्या होगा जब नियुक्ति में क़ानून केंद्र के लागु होंगे।
ये तो वो ही बात हुई पैरों में बेड़िया डालो और कहो कि दौड़ो‼
✍🏼कुल मिला कर जो लोग एमएचआरडी और एनसीटीई के भरोसे केस लड़ रहे हों वो घर बैठें।
क्योंकि जो मंत्री लोकसभा में लिखित उत्तर दे कर पूरा ठीकरा राज्य के सिर पर फोड़ दे वो आप को कोई लाभ नहीं पहुंचाएगी।
■यहाँ हम आप को आश्वस्त करते हैं कि वर्तमान केंद्र सरकार के भरोसे न रहते हुए भी हमने पर्याप्त साक्ष्य जुटा लिए हैं जो हमें राहत देंगे।।
★आजीवका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।।
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