राज्य ब्यूरो, लखनऊ : केंद्र से धनराशि न जारी किये जाने के कारण प्रदेश के
26 जिलों में बनाये जा रहे मॉडल डिग्री कॉलेज अधर में लटक गए हैं। जुलाई
से शुरू होने वाले अगले शैक्षिक सत्र से इन कॉलेजों में पढ़ाई शुरू कराने
की उच्च शिक्षा विभाग की मंशा पर फिलहाल विराम लग गया है।
इन कॉलेजों का निर्माण राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत कराया जा रहा है। 1केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने रूसा के तहत वर्ष 2013-14 से लेकर 2015-16 के लिए प्रदेश में उच्च शिक्षा से जुड़ी 892 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। इन्हीं परियोजनाओं के तहत उच्च शिक्षा में कम नामांकन दर वाले 26 जिलों में मॉडल डिग्री कॉलेजों का निर्माण भी किया जा रहा है।
रूसा के तहत खर्च होने वाली धनराशि में केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 65:35 के अनुपात में होती है। लिहाजा इन परियोजनाओं के लिए 580 करोड़ रुपये की रकम केंद्र सरकार को देनी थी। केंद्र सरकार ने मॉडल डिग्री कॉलेजों के निर्माण के लिए 16 जुलाई 2014 को 165 करोड़ रुपये की धनराशि राज्य सरकार को जारी की थी। 1प्रत्येक मॉडल डिग्री कॉलेज के निर्माण की अनुमानित लागत 11.7 करोड़ रुपये है। केंद्र से रकम मिलने पर 26 जिलों में मॉडल डिग्री कॉलेजों का निर्माण शुरू करा दिया गया। प्रत्येक कॉलेज के निर्माण के लिए तकरीबन 6.3 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई।
वर्ष 2015-16 में केंद्र सरकार ने मॉडल कॉलेजों के निर्माण के लिए धनराशि देने से हाथ खींच लिया। इसकी वजह से राज्य सरकार को मॉडल डिग्री कॉलेजों के निर्माण के लिए बजट में आवंटित 107 करोड़ रुपये की धनराशि सरेंडर करनी पड़ी।
पिछले वित्तीय वर्ष में केंद्र की ओर से धनराशि न मिलने के कारण मॉडल कॉलेजों का निर्माण अधर में लटका है। खुद उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि फिलहाल इनमें जुलाई से पढ़ाई शुरू होने के आसार नहीं हैं।
यहां बन रहे मॉडल कॉलेज
महोबा, कुशीनगर, श्रवस्ती, संत कबीर नगर, रायबरेली, बस्ती, मुरादाबाद, बुलंदशहर, सहारनपुर, रामपुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, हरदोई, सीतापुर, हाथरस, एटा, फतेहपुर, बांदा, शाहजहांपुर, पीलीभीत, हमीरपुर, बलरामपुर, उन्नाव, ललितपुर और बदायूं।।
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इन कॉलेजों का निर्माण राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत कराया जा रहा है। 1केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने रूसा के तहत वर्ष 2013-14 से लेकर 2015-16 के लिए प्रदेश में उच्च शिक्षा से जुड़ी 892 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। इन्हीं परियोजनाओं के तहत उच्च शिक्षा में कम नामांकन दर वाले 26 जिलों में मॉडल डिग्री कॉलेजों का निर्माण भी किया जा रहा है।
रूसा के तहत खर्च होने वाली धनराशि में केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 65:35 के अनुपात में होती है। लिहाजा इन परियोजनाओं के लिए 580 करोड़ रुपये की रकम केंद्र सरकार को देनी थी। केंद्र सरकार ने मॉडल डिग्री कॉलेजों के निर्माण के लिए 16 जुलाई 2014 को 165 करोड़ रुपये की धनराशि राज्य सरकार को जारी की थी। 1प्रत्येक मॉडल डिग्री कॉलेज के निर्माण की अनुमानित लागत 11.7 करोड़ रुपये है। केंद्र से रकम मिलने पर 26 जिलों में मॉडल डिग्री कॉलेजों का निर्माण शुरू करा दिया गया। प्रत्येक कॉलेज के निर्माण के लिए तकरीबन 6.3 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई।
वर्ष 2015-16 में केंद्र सरकार ने मॉडल कॉलेजों के निर्माण के लिए धनराशि देने से हाथ खींच लिया। इसकी वजह से राज्य सरकार को मॉडल डिग्री कॉलेजों के निर्माण के लिए बजट में आवंटित 107 करोड़ रुपये की धनराशि सरेंडर करनी पड़ी।
पिछले वित्तीय वर्ष में केंद्र की ओर से धनराशि न मिलने के कारण मॉडल कॉलेजों का निर्माण अधर में लटका है। खुद उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि फिलहाल इनमें जुलाई से पढ़ाई शुरू होने के आसार नहीं हैं।
यहां बन रहे मॉडल कॉलेज
महोबा, कुशीनगर, श्रवस्ती, संत कबीर नगर, रायबरेली, बस्ती, मुरादाबाद, बुलंदशहर, सहारनपुर, रामपुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, हरदोई, सीतापुर, हाथरस, एटा, फतेहपुर, बांदा, शाहजहांपुर, पीलीभीत, हमीरपुर, बलरामपुर, उन्नाव, ललितपुर और बदायूं।।
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