जागरण संवाददाता, आगरा: 16 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने
के साथ ही विवाद में घिर गई है। शुक्रवार को बीएसए कार्यालय में
अभ्यर्थियों ने बैक डेट में काउंसिलिंग कराने और धांधली का आरोप लगाते हुए
बीएसए कार्यालय में हंगामा किया। कुर्सी मेज फेंक दीं। बीएसए की गाड़ी के
आगे लेट गए।
परिषदीय विद्यालयों में 16448 शिक्षक भर्ती के तहत आगरा में 477 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। इसके लिए दो दिन पहले बीएसए कार्यालय में काउंसिलिंग हुई थी। इस काउंसिलिंग के आधार पर मेरिट तैयार कर नियुक्ति होनी है। शुक्रवार सुबह काउंसिलिंग करवा चुके करीब दो दर्जन अभ्यर्थी बीएसए कार्यालय पहुंचे। उनका आरोप था कि हापुड़ की एक युवती को समय निकलने के बाद भी बीएसए ने काउंसिलिंग के लिए लिपिक रक्षपाल से मिलने को कहा है। इस पर अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताते हुए हंगामा कर दिया। उनका आरोप था कि बाबू द्वारा रुपये लेकर अच्छी मेरिट वाले लोगों का गुपचुप तरीके से काउंसिलिंग चार्ट पर साइन कराकर दस्तावेज जमा किए जा रहे हैं। हंगामा होते देख बीएसए कार्यालय से निकल गए। इस पर अभ्यर्थियों का आक्रोश फूट पड़ा। उन्होंने कार्यालय में मेज और कुर्सी पटक दी और सभी कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर कर दिया। हंगामे की सूचना पर बीएसए लौट आए। अभ्यर्थियों ने उनको घेर लिया। उनका कहना था कि नियुक्ति में धांधली न हो इसके लिए बाबू रक्षपाल को हटाएं और काउंसिलिंग में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की सूची सार्वजनिक की जाए। इस पर बीएसए ने मना कर दी। इसको लेकर करीब दो घंटे अभ्यर्थियों की बीएसए से बहस हुई। मामला बढ़ते देख बीएसए ने सूची चस्पा की।
बीएसए साहब आप पर भी विश्वास नहीं
बाबू को हटाने और सूची चस्पा कराने को लेकर अभ्यर्थियों की बीएसए से बहस हो रही थी। इस पर बीएसए ने कहा कि आप उन पर विश्वास करें, लेकिन अभ्यर्थियों ने कहा कि उन्हें बीएसए पर भी विश्वास नहीं है।
विवादों में रहे हैं बाबू
नियुक्ति कर रहे बाबू रक्षपाल इससे पहले भी आरोपों में घिरे रहे हैं। उनके खिलाफ कई बार शिकायतें हुई, लेकिन इसके बाद भी बीएसए बाबू पर मेहरबान हैं।
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
परिषदीय विद्यालयों में 16448 शिक्षक भर्ती के तहत आगरा में 477 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। इसके लिए दो दिन पहले बीएसए कार्यालय में काउंसिलिंग हुई थी। इस काउंसिलिंग के आधार पर मेरिट तैयार कर नियुक्ति होनी है। शुक्रवार सुबह काउंसिलिंग करवा चुके करीब दो दर्जन अभ्यर्थी बीएसए कार्यालय पहुंचे। उनका आरोप था कि हापुड़ की एक युवती को समय निकलने के बाद भी बीएसए ने काउंसिलिंग के लिए लिपिक रक्षपाल से मिलने को कहा है। इस पर अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताते हुए हंगामा कर दिया। उनका आरोप था कि बाबू द्वारा रुपये लेकर अच्छी मेरिट वाले लोगों का गुपचुप तरीके से काउंसिलिंग चार्ट पर साइन कराकर दस्तावेज जमा किए जा रहे हैं। हंगामा होते देख बीएसए कार्यालय से निकल गए। इस पर अभ्यर्थियों का आक्रोश फूट पड़ा। उन्होंने कार्यालय में मेज और कुर्सी पटक दी और सभी कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर कर दिया। हंगामे की सूचना पर बीएसए लौट आए। अभ्यर्थियों ने उनको घेर लिया। उनका कहना था कि नियुक्ति में धांधली न हो इसके लिए बाबू रक्षपाल को हटाएं और काउंसिलिंग में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की सूची सार्वजनिक की जाए। इस पर बीएसए ने मना कर दी। इसको लेकर करीब दो घंटे अभ्यर्थियों की बीएसए से बहस हुई। मामला बढ़ते देख बीएसए ने सूची चस्पा की।
बीएसए साहब आप पर भी विश्वास नहीं
बाबू को हटाने और सूची चस्पा कराने को लेकर अभ्यर्थियों की बीएसए से बहस हो रही थी। इस पर बीएसए ने कहा कि आप उन पर विश्वास करें, लेकिन अभ्यर्थियों ने कहा कि उन्हें बीएसए पर भी विश्वास नहीं है।
विवादों में रहे हैं बाबू
नियुक्ति कर रहे बाबू रक्षपाल इससे पहले भी आरोपों में घिरे रहे हैं। उनके खिलाफ कई बार शिकायतें हुई, लेकिन इसके बाद भी बीएसए बाबू पर मेहरबान हैं।
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