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24/08/2016 सुनवाई : 72825 में चयनित टेट उत्तीर्ण शिक्षक "खरगोश" की तरह जीत के अभिमान में

72825 से सम्बंधित 24/08/2016 को मा० सुप्रीमकोर्ट होने बाली अतिमहत्वपूर्ण सुनवाई में अब कुछ दिन ही शेष हैं किन्तु हम 72825 में चयनित टेट उत्तीर्ण शिक्षक "खरगोश" की तरह जीत के अभिमान में मानदेय, सैलरी, एरिअर की शीतल छाँव तले आराम से सो रहे हैं.....,!!!
याद आया कुछ......??? अरे भाई "खरगोश और कछुआ" की दौड़ बाली कहानी तो पढ़ी और सुनी होगी...... अब तो याद आ ही गया होगा....@
कुछ यही स्थिति आज हम 72825 में चयनित टेट उत्तीर्ण शिक्षकों की भी है,,,,,, याद करो 20 मार्च 2012 से लेकर 17 दिसम्बर 2014 तक के संघर्ष का समय, जिसमे हम सभी संघर्षशील साथी खरगोश की तरह ही दौड़े और सरकार एवं शैक्षिक मेरिट समर्थक विरोधियों से बहुत आगे निकल आये और मा० सुप्रीमकोर्ट के अंतरिम आदेश से प्राथमिक शिक्षक के पद पर कार्यशील भी है, साथ ही वेतन भी पा रहे हैं...... और आज जब निर्णायक घड़ी नजदीक है तो खरगोश की नीद सो रहे हैं,,,,,, कहीं ऐसा न हो कि कछुआ गति से चलने बाली सरकार और 70000 हज़ार से अधिक पदों पर शैक्षिक मेरिट से नियुक्ति पा चुके विरोधी आपकी नौकरी के लिए खतरा बन जाएँ...., अतः हमें "खरगोश" की नीद से जाग जाना होगा....., और अपने वर्तमान, भविष्य के लिए सभी को आगे आना होगा।
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साथियो आज 70वाँ स्वतंत्रता दिवस है। स्वतंत्रता का असली महत्त्व वही जानता है जिसने गुलामी को महसूस किया हो..... इसी तरह 4 वर्ष के संघर्ष के दम पर 72825 में टेट मेरिट से नियुक्ति पाए शिक्षकगण भी टेट मेरिट के लिए संघर्ष और प्राथमिक शिक्षक के जॉब के महत्त्व को सही से समझता है और उन्ही की जिम्मेदारी भी है कि सभी को संगठित करे और आगामी 24/08/2016 को मा० सुप्रीमकोर्ट में होने बाली अतिमहत्वपूर्ण सुनवाई के लिए तन,मन, धन से सहयोग करे और दुसरे साथियों को भी सहयोग के लिए उत्साहित करे जिससे कि विरोधियों को अंतिम हार का स्वाद भी चखने को मजबूर किया जा सके।
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साथियो एक यक्ष प्रश्न का जवाब आप सभी से जानना चाहूँगा...., हमारे बीच के ही कुछ साथी, जो अपने को 72825 का स्वयम्भू नेता और मसीहा कहते हैं......, आज चीख-चीख कर कहते हैं कि अब चयनितों को कोर्ट में वकील की जरुरत नही है,,,,,, साथ में ईमानदारी से काम करने बाले को सोशल मीडिया पर धमकी भी दी जाती है कि चयनितों को सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई के नाम पर डराएगा, उसकी खैर नही.....; ऐसा पिछले 2-3 महीनों में कौन सा आदेश आ गया कि चयनित चैन की नीद सो जाये.....? जबकि इन्होने चयनितों के हितों की अनदेखी करते हुए 07 दिसम्बर 2015 से पिछली 4-5 सुनवाइयों से कोर्ट में न तो सीनियर एडवोकेट भेजा और न ही इन सुनवाइयों का चंदे के रूप में प्राप्त बड़े आर्थिक सहयोग का कोई हिसाब दिया और आज "याची दुकान" लगाये हुए है जिसमे विभिन्न स्रोतों से जानकारी अनुसार 2500 से 3000 तक याची बनाये गए हैं और एक याची से समायोजन के नाम पर 1000 से 2000 रूपये तक बसूले गये हैं..... आप खुद हिसाब लगा सकते हैं....!!?
और अब तो एक कदम बढ़कर ये स्वयंभू नेता जी खुलकर सार्वजनिक रूप से कहने लगे हैं कि इन्हें इस जॉब की अब कोई जरुरत नही है, आप सभी का आशीर्वाद ऐसे ही बना रहा तो शीघ्र ही विधानसभा या संसद में दिखूंगा....., अब जब एक सुनवाई पर ही लाखों के बारे न्यारे हो जाएँ तो भला नौकरी की जरुरत भी क्यों होगी....!!?
लेकिन साथियो हमें इस जॉब की जरूरत है और इस जॉब के लिए सुप्रीमकोर्ट के अंतरिम निर्णय तक ईमानदारी से संघर्ष करते रहें हैं और आगे भी करते रहेंगे जिसमें आप सभी से तन,मन,धन से सहयोग की अपेक्षा है। आज और अब से ही 24/08/2016 की सुनवाई के लिए जुट जाएँ जिससे कि समय रहते सीनियर एडवोकेट विकास सिंह जी की फीस का इंतजाम किया जा सके।
साथियो आप सभी को बताना चाहूँगा कि पिछली 27 जुलाई की सुनवाई पश्चात् अभी मेरे पास 1.25 लाख रूपये अवशेष हैं जबकि 24 अगस्त की सुनवाई के लिए हमें 3.10 लाख रूपये की और जरुरत होगी।
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धन्यवाद।
जितेन्द्र सिंह, स.अ.
टेट प्राथमिक शिक्षक एसोसिएशन, उ.प्र.।

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