राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों में 16448 शिक्षकों की काउंसिलिंग का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। आगरा में गुपचुप काउंसिलिंग कराने को लेकर अभ्यर्थियों ने हंगामा काटा तो इलाहाबाद में अनापत्ति
प्रमाणपत्र के बगैर शिक्षामित्रों को काउंसिलिंग कराने पर बीटीसी अभ्यर्थी भड़के हैं।
वहीं, शिक्षामित्र अनापत्ति प्रमाणपत्र की अनिवार्यता एवं उसे जारी करने में अफसरों की अनदेखी को न्यायालय में चुनौती देने की तैयारी कर ली है। 1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 16448 सहायक अध्यापकों की भर्ती होनी है। इसमें आवेदन करने के लिए पहले बीटीसी 2013 एवं उसके पूर्व बैच के अभ्यर्थी झगड़ते रहे। किसी तरह कोर्ट के निर्देश पर इसका पटाक्षेप हो सका, बाद में दूरस्थ बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने वाले शिक्षामित्रों एवं बीएलएड, डीएड आदि को काउंसिलिंग कराने का मौका दिया गया। इसमें पूर्व की भर्तियों में चयनित शिक्षामित्रों को अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य किया गया। इसी के बाद से विवाद बढ़ गया। अधिकांश जिलों में अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी ही नहीं हो सके और कुछ जिलों में इसके बगैर ही काउंसिलिंग कराई गई। बीटीसी अभ्यर्थियों का आरोप है कि इलाहाबाद में गुपचुप तरीके से बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र के शिक्षामित्रों को मौका दिया गया है। युवाओं का कहना है कि 15 हजार शिक्षक भर्ती में अब तक चयनित अभ्यर्थियों की सूची गड़बड़ी के कारण जारी नहीं हो सकी है और अब 16 हजार भर्ती में भी मनमानी की जा रही है। उधर, शिक्षामित्रों ने अनापत्ति प्रमाणपत्र को अनिवार्य किए जाने एवं जिलों में समय पर उसे जारी न करने को हाईकोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है। 1दो अवसरों के लिए सौंपा ज्ञापन : प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने पीसीएस परीक्षा में दो अतिरिक्त अवसर के लिए विधायक अनुग्रह नारायण सिंह से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन देकर यह मामला विधानसभा में उठाने का अनुरोध किया। 1समिति की तरफ से अवनीश पाण्डेय के नेतृत्व में प्रतियोगी छात्रों का प्रतिनिधिमण्डल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा मंत्री अभिषेक मिश्र से भी मिल चुका है किन्तु शासन द्वारा अभी तक कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया है। अब शान्तनु राय के नेतृत्व में प्रतियोगी छात्र सभी विधायकों व सांसदों को ज्ञापन सौंपेंगे। प्रतियोगियों का कहना है कि सीसैट से प्रभावित अभ्यर्थियों को दो अतिरिक्त अवसर दिए जाने चाहिए।
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प्रमाणपत्र के बगैर शिक्षामित्रों को काउंसिलिंग कराने पर बीटीसी अभ्यर्थी भड़के हैं।
वहीं, शिक्षामित्र अनापत्ति प्रमाणपत्र की अनिवार्यता एवं उसे जारी करने में अफसरों की अनदेखी को न्यायालय में चुनौती देने की तैयारी कर ली है। 1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 16448 सहायक अध्यापकों की भर्ती होनी है। इसमें आवेदन करने के लिए पहले बीटीसी 2013 एवं उसके पूर्व बैच के अभ्यर्थी झगड़ते रहे। किसी तरह कोर्ट के निर्देश पर इसका पटाक्षेप हो सका, बाद में दूरस्थ बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने वाले शिक्षामित्रों एवं बीएलएड, डीएड आदि को काउंसिलिंग कराने का मौका दिया गया। इसमें पूर्व की भर्तियों में चयनित शिक्षामित्रों को अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य किया गया। इसी के बाद से विवाद बढ़ गया। अधिकांश जिलों में अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी ही नहीं हो सके और कुछ जिलों में इसके बगैर ही काउंसिलिंग कराई गई। बीटीसी अभ्यर्थियों का आरोप है कि इलाहाबाद में गुपचुप तरीके से बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र के शिक्षामित्रों को मौका दिया गया है। युवाओं का कहना है कि 15 हजार शिक्षक भर्ती में अब तक चयनित अभ्यर्थियों की सूची गड़बड़ी के कारण जारी नहीं हो सकी है और अब 16 हजार भर्ती में भी मनमानी की जा रही है। उधर, शिक्षामित्रों ने अनापत्ति प्रमाणपत्र को अनिवार्य किए जाने एवं जिलों में समय पर उसे जारी न करने को हाईकोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है। 1दो अवसरों के लिए सौंपा ज्ञापन : प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने पीसीएस परीक्षा में दो अतिरिक्त अवसर के लिए विधायक अनुग्रह नारायण सिंह से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन देकर यह मामला विधानसभा में उठाने का अनुरोध किया। 1समिति की तरफ से अवनीश पाण्डेय के नेतृत्व में प्रतियोगी छात्रों का प्रतिनिधिमण्डल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा मंत्री अभिषेक मिश्र से भी मिल चुका है किन्तु शासन द्वारा अभी तक कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया है। अब शान्तनु राय के नेतृत्व में प्रतियोगी छात्र सभी विधायकों व सांसदों को ज्ञापन सौंपेंगे। प्रतियोगियों का कहना है कि सीसैट से प्रभावित अभ्यर्थियों को दो अतिरिक्त अवसर दिए जाने चाहिए।
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