शिक्षक भर्ती में बगैर एनओसी शामिल होंगे शिक्षामित्र, मामले पर अगली सुनवाई 17 अक्तूबर को

इलाहाबाद विधि संवाददाता इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक बने शिक्षामित्रों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें 16,448 सहायक अध्यापकों की भर्ती में बगैर एनओसी शामिल करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव के गत 16 अगस्त के आदेश पर रोक लगा दी और याचिका पर परिषद व राज्य सरकार से जवाब भी मांगा है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह का प्रतिबंध उचित नहीं है। परिषद चाहे तो चयन के बाद एक निश्चित समयसीमा में उनसे एनओसी की मांग कर सकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र ने संदीप कुमार चौरसिया व 26 अन्य की याचिका पर अधिवक्ता अनिल सिंह बिसेन व अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी को सुनकर दिया है।

अधिवक्ता द्वय ने कोर्ट को बताया कि याची शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक पद पर समायोजित हुए हैं। हाईकोर्ट उनके समायोजन को रद्द कर चुका है और उसके बाद मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में भविष्य खतरे में देख उन्होंने सहायक अध्यापकों की भर्ती में आवेदन किया है लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने सरकुलर जारी करके सभी बीएसए को निर्देश दिया है कि सहायक अध्यापक पद पर समायोजित शिक्षामित्रों को इस भर्ती की काउंसिलिंग में शामिल करने की अनुमति तभी दी जाए, जब वे अपने नियोक्ता से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्रस्तुत करें। मामले पर अगली सुनवाई 17 अक्तूबर को होगी।
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